हिमाचल दस्तक ब्यूरो : कुल्लू
कुल्लू के शमशी में बीएड प्रशिक्षु अध्यापक द्वारा सातवीं कक्षा के मासूम बच्चों को बेरहमी से पीटने पर प्रदेश हाई कोर्ट ने भी कड़ा संज्ञान ले लिया है। प्रदेश हाई कोर्ट की जूवेनाइल जस्टिस कमेटी ने प्रशिक्षु शिक्षक प्रणव शर्मा के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 व भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत पुलिस थाना भुंतर को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं।यह भी जानकारी मिली है कि प्रशिक्षु अध्यापक तीन बार आत्महत्या करने का प्रयास कर चुका है।
इतना ही नहीं शमशी स्कूल में प्रशिक्षु अध्यापक ने जिस तरह से सातवीं कक्षा के मासूम बच्चों के साथ मारपीट की है उससे स्कूल प्रबंधन की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है। बता दें कि प्रशिक्षु शिक्षक की मां भी उसी स्कूल में टीजीटी के पद पर तैनात है। वहीं जिस सातवीं कक्षा के बच्चों को प्रशिक्षु अध्यापक ने पीटा है वह कक्षा प्रशिक्षु की अध्यापिका मां ने पढ़ानी थी, लेकिन प्रशिक्षु अध्यापक को जानबूझकर उस कक्षा में भेज दिया, जिसका परिणाम आज सातवीं कक्षा के 30 मासूम बच्चे भुगत रहे हैं।
नियमों के अनुसार प्रशिक्षु अध्यापक एक माह के ट्रेनिंग पर था, जिसमें प्रशिक्षु को सिर्फ स्कूल का रिकॉर्ड बनाना व मिड-डे मील रिकॉर्ड बनाने के साथ-साथ स्कूल की अन्य गतिविधियों पर एक रिपोर्ट बनाकर अपने बीएड कॉलेज में जमा करवानी होती है। कक्षाओं में जाकर पढ़ाने की परमिशन भी नहीं थी। ऐसे में प्रशिक्षु शिक्षक मां की जगह कक्षा में कैसे पहुंच गया इस पर स्कूल प्रबंधन पर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस के अनुसार कश्मीर सिंह राणा जो राजकीय माध्यमिक पाठशाला शमशी में एसएमसी अध्यक्ष है ने अपना बयान दर्ज करवाया कि गत 10 जून को शाम के समय उसे सूचना मिली कि शमशी स्कूल में कक्षा सातवीं के छात्र-छात्राओं के साथ प्रशिक्षु शिक्षक द्वारा मारपीट की गई। बयान के अनुसार प्रणव शर्मा निजी कॉलेज गड़सा से राजकीय माध्यमिक पाठशाला में एक महीने की इंटर्नशिप पर आया है।
बीएड प्रशिक्षु शिक्षकों के लिए होता है नियम
बीएड प्रशिक्षु शिक्षकों का स्कूल में जाने का नियम यह होता है कि कक्षा में प्रशिक्षु अध्यापक अपने विषय के स्कूल अध्यापक के साथ कक्षा में जा सकता है। वहीं बच्चों को विषय अध्यापक के सामने ही पढ़ाना होता है लेकिन शमशी स्कूल में प्रशिक्षु अध्यापक सब नियमों को ताक में रखकर ही कक्षा में घुस गया तथा बच्चों से ही केवल की तार व डंडा मंगवाकर उन्हें पीटना शुरू कर दिया।
प्रशिक्षु शिक्षक ने बच्चों को जिस डंडे व केवल की तार से पीटा था वह रिकवर कर लिए गए हैं। प्रशिक्षु अध्यापक ने इससे पहले तीन बार सुसाइड करने का भी प्रयास किया है। पुलिस इस मामले में गहनता से छानबीन कर रही है।
सुनील संख्यान, पुलिस थाना प्रभारी।
लॉकडाउन में बच्चा थोड़ा परेशान हो गया था। पहले एमएससी करना चाहता था, लेकिन बाद में लॉकडाउन के कारण कहीं जा नहीं पाया और बाद में बीएड में प्रवेश दिलवाया। दस जून को मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं थी। प्रशिक्षु शिक्षक कक्षा में विद्यार्थियों के आग्रह पर गया था।
-ममता शर्मा, टीजीटी अध्यापक एवं प्रशिक्षु की माता।