शिमला:
सिरमौर जिला के कालाअंब में स्थित दवा निर्माता कंपनी में बनी खांसी की दवा से जम्मू में 12 बच्चों की मौत का मामला सामने आते ही हड़कंप मच गया है। इस दवा कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 308 के तहत आपराधिक मानव वध का मामला दर्ज किया गया है। कंपनी का लाइसेंस आगामी आदेशों तक निलंबित कर दिया गया है। दवा के नमूनों में भी मानव जीवन के लिए बेहद हानिकारक कंटेंट पाए गए हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान विशेष वक्तव्य में यह जानकारी दी कि जम्मू के उधमपुर क्षेत्र में दवा पीने से करीब एक दर्जन बच्चों की मौत हो गई थी। इस बारे में जम्मू प्रशासन की ओर से प्रदेश सरकार को ईमेल के माध्यम से सूचना दी गई थी और उसके बाद कालाअंब पुलिस थाना में कंपनी के खिलाफ कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 18 ए-1, 17 ए, 27 ए और भारतीय दंड संहिता की धारा 308 के तहत आपराधिक मानव वध का मामला दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस संबंध में सहायक औषधि नियंत्रक की अध्यक्षता में टीम बनाकर फर्म का निरीक्षण करने के लिए कहा गया। इसी वर्ष 17 फरवरी के बाद ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी नाहन ने कंपनी का उत्पादन रोक दिया है और पूरे रिकॉर्ड को जांच के लिए कब्जे में ले लिया है।
उन्होंने बताया कि सोमवार को ही सरकारी एनालिस्ट चंडीगढ़ द्वारा हरियाणा व जम्मू से लिए गए कोल्ड बेस्ट-पीसी दवा के उसी बैच के नमूमों की रिपोर्ट भी प्राप्त हुई है, जिसमें इस दवा में डाइथिलेन ग्लाइकोल केमिकल की मात्रा 34 प्रतिशत पाई गई है, जो कि मानव जीवन के लिए बेहद हानिकारक मानी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कंपनी के खिलाफ जिन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, उसमें कम से कम दस वर्ष से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि सोमवार से ही आगामी जांच तक कंपनी का उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।
बद्दी में अवैध तरीके से दवाइयां बनाने वाली फैक्टरी सील
ड्रग कंट्रोलर विभाग ने कब्जे में लीं दवाइयां रैपर व अन्य सामान
बद्दी: राज्य ड्रग कंट्रोलर विभाग ने अवैध तरीके से अंग्रेजी दवाइयां बनाने वाली बद्दी की एक फैक्टरी को सील कर दिया है। कंपनी की समस्त दवाइयां, रैपर व पैकिंग को कब्जे में ले लिया गया है। यह कंपनी फूड आइटम बनाने के लिए अधिकृत थी, लेकिन पिछले कुछ महीनों से यहां पर अवैध तरीके से अंग्रेजी दवाइयां बनाई जा रही थीं। गुप्त सूचना के आधार पर डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर व उनकी टीम ने पुलिस को साथ लेकर उद्योग में मंगलवार सुबह से ही डेरा डाल रखा था। गलेन मार्स हेल्थकेयर नाम की इस फैक्टरी जिसके पास सिर्फ फूड (खाद्य पदार्थ) का लाइसेंस था ने यहां पर बिना अनुमति के अंग्रेजी दवाइयों का निर्माण शुरू कर दिया था। कंपनी के मालिक दूसरी कंपनियों के नाम से नकली अंग्रेजी दवाइयां बनाकर बाजार में बेचते थे।
ये दवाइयां रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक तैयार की जाती थीं और उनको उत्तर प्रदेश में भेज दिया जाता था। वहां पर साईपर फार्मा बददी, निरमाया फॉर्मा बद्दी एवं उत्तरांचल की कंपनी के नाम से बनी नकली दवाइयां तो मिली ही हैं साथ में बडी मात्रा में पैकिंग मैटीरियल भी बरामद हुआ है। डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि हमारी टीम ने सूचना मिलते ही फैक्टरी की पूरी जांच की और वहां से भारी मात्रा में नकली व दूसरी कंपनी के नाम से बनी दवाएं बरामद कर गलेनमार्स हेल्थकेयर साई रोड बद्दी को सील कर दिया है। पूरे प्रकरण में हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है । इन दवाइयों को जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच टीम में सहायक दवा नियंत्रक कमलेश नायक, दवा निरीक्षक अनूप शर्मा, अभिलाष, नरेंद्र ठाकुर, कुशल, अभिषेक सहित कई कर्मचारी व अधिकारी शामिल थे।