नई दिल्ली: सीबीआई ने लाखों लोगों और खास तौर पर मुसलमानों के साथ कथित ठगी करने से जुड़े आई-मोनेट्री एडवाइजरी (आईएमए) पोंजी घोटाले में दो आरोपियों के खिलाफ बेंगलुरु की अदालत में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। निवेशकों को कई गुना अधिक रकम वापसी का वादा कर निवेश करने के लिए प्रलोभन दिया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने मोहम्मद हनीफ और खलीमुल्ला जमाल के खिलाफ एक विशेष अदालत में हाल ही में आरोपपत्र दाखिल किया है। उन पर मंसूर खान द्वारा लाई गई आईएमए की योजनाओं में निवेश के लिए लोगों को प्रलोभन देने का आरोप है। खान फिलहाल हिरासत में है। उन्होंने बताया कि शिवाजी नगर मदरसा में मौलवी हनीफ और कोलार जिले में उर्दू शिक्षक जमाल ने अपने सर्मथकों के बीच आईएमए की योजनाएं प्रचारित की थी। इसके एवज में उन्हें कंपनी ने कथित तौर पर भुगतान किया था।
सीबीआई प्रवक्ता नितिन वाकनकर ने यहां कहा, हमने आईएमए मामले में दूसरा आरोपपत्र दाखिल किया है। अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान यह सामने आया कि हनीफ ने आईएमए से लाखों रूपए पारिश्रमिक के रूप में पाए थे। सीबीआई का आरोप है कि जमाल ने भी आईएमए से धन प्राप्त किया था। उसने अपने फार्महाउस में एक बंकर बना रखा था जिसमें वह पोंजी कंपनी से जुड़े जेवरात और नकदी रखता था। एजेंसी का दावा है कि बंकर की चौबीसों घंटे निजी सुरक्षाकर्मी हिफाजत करते थे जिन्हें कथित तौर पर आईएमए भुगतान करती थी।