एजेंसी। नई दिल्ली
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार को 10वीं कक्षा की परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए, जिसमें लड़कियों के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत लड़कों की तुलना में 3.17 प्रतिशत अधिक रहा। 10वीं कक्षा में क्षेत्रवार त्रिवेंद्रम का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा, जहां के छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत 99.28 रहा। सीबीएसई ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष मेधा (मेरिट) सूची जारी नहीं करने का निर्णय लिया। बोर्ड ने फेल के स्थान पर आवश्यक पुनरावृत्ति शब्दावली का उपयोग किया।
सीबीएसई द्वारा जारी बयान के अनुसार इस वर्ष 10वीं कक्षा में कुल 91.46 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए, जबकि 2019 में 91.10 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए थे। यानी, पिछले साल की तुलना में इस साल 0.36 प्रतिशत अधिक छात्र उत्तीर्ण हुए। इस साल लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 93.31 रहा, जबकि लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 90.14 रहा। ट्रांसजेंडर का उत्तीर्ण प्रतिशत 78.95 रहा।
10वीं कक्षा की परीक्षा में 41,804 छात्रों को 95 प्रतिशत से अधिक अंक मिले, जबकि।,84,358 छात्रों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए अपने ट्वीट में कहा कि छात्रों का स्वास्थ्य एवं शिक्षा सरकार की प्राथमिकता है। इस वर्ष 20,387 स्कूलों में 5377 परीक्षा केंद्रों पर 10वीं कक्षा की परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। इसमें 18,85,881 छात्रों ने परीक्षा देने के लिए पंजीकरण कराया था और 18,73,015 छात्र परीक्षा में बैठे थे। इनमें से 91.46 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए।
सीबीएसई ने अपने बयान में कहा कि सीबीएसई को 10वीं कक्षा की परीक्षा के आयोजन के दौरान कोविड-19 महामारी के तेजी से फैलने के कारण 19 से 31 मार्च को नियत परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी। स्थितियों के पुन: आकलन के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि बोर्ड उत्तर पूर्व दिल्ली में कराई जाने वाली परीक्षा सहित इस अवधि में परीक्षा आयोजित करने की स्थिति में नहीं होगा। इसमें कहा गया है कि अनिश्वितताओं और अप्रत्याशित स्थितियों को देखते हुए भारत के उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुरूप ही 10वीं कक्षा की परीक्षा के परिणामों की गणना के लिए सीबीएसई ने आकलन योजना तैयार की।