शिमला : वर्ष 1888 से लेकर आजादी तक वायसराय का आवास रही इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी (आईआईएएस) की विरासत इमारत का पुनरुद्धार किया जाएगा।
आईआईएएस के निदेशक मार्कंड आर. परांजपे ने सोमवार को बताया कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विरासत इमारत के पुनरुद्धार के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। आजादी के बाद इस इमारत का नाम राष्ट्रपति निवास कर दिया गया था। परांजपे और आईआईएएस के सचिव कर्नल विजय के. तिवारी ने बताया कि यह इमारत 330 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली है। इसे 66.33 करोड़ रूपए की लागत से नया रंगरूप दिया जाएगा।
इमारत में आईआईएएस को जगह देने का विचार तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का था। उन्होंने 20 अक्टूबर 1965 को इस संस्थान का उद्घाटन किया था। परांजपे ने कहा कि वायसराय लॉज का पुनरुद्धार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में किया जाएगा और इस तरह किया जाएगा कि इसका विरासत महत्व बना रहे।