जम्मू : केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि केन्द्र सरकार जम्मू-कश्मीर में युवाओं पर ध्यान केंद्रित रखते हुए सुशासन और विकास चाहती है।
सिंह ने यहां सुशासन प्रथाओं के क्रियान्वयन पर केंद्रित दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को इसे हासिल करने के लिए जम्मू-कश्मीर को लेकर विमर्श को बदलना होगा। उन्होंने कहा, ‘ऐसे लोगों का एक वर्ग है जो नहीं जानता कि वे किस चीज से वंचित थे। वे किस हद तक वंचित थे। उन्होंने कहा, सबसे अधिक जिम्मेदारी युवाओं की है क्योंकि आबादी में वे 70 फीसद हैं। वे पिछले पांच सालों के दौरान मोदी सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए तमाम अवसरों से वंचित रहे।
युवाओं की अकांक्षाएं हमारे लिए अग्निपरीक्षा है। केंद्र द्वारा गत पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाह्रत करने के निर्णय के मद्देनजर मुख्यधारा के नेताओं के ऐहतियातन नजरबंदी पर सिंह ने अधिकारियों से कहा, ‘अब आप कह रहे हैं कि वो तीन आदमी अंदर थे, इसलिए ठीक है। इसका मतलब है कि उनके अंदर रहने से ठीक है, तो उनको अंदर ही रहना चाहिए।’
उन्होंने कहा, आप (अधिकारी) परोक्ष तौर पर (कदम का) समर्थन कर रहे हैं। सिंह ने यद्यपि हिरासत में रहने वाले किसी नेता का नाम नहीं लिया। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जहां घर में नजरबंद हैं, फारुक अब्दुल्ला को विवादास्पद जन सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में रखा गया है।
मंत्री ने कहा, हमारे पास एक नई व्यवस्था है और नई व्यवस्था सीधे केंद्र को रिपोर्ट करती है और इस क्षेत्र के लोगों को उसका सहयोग करना है और उसे सफल बनाना है। क्षेत्रीय सम्मेलन का विषय केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में सुशासन प्रथाओं की पुनरावृत्ति है। इस सम्मेलन में उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू भी मौजूद थे। इसका आयोजन प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा किया गया था।