- चम्बा रूमाल की चमक विदेशों तक
- रूमाल में कलाकृति का बेजोड़ नमूना
हिमाचल दस्तक। मंडी : चम्बा रूमाल ने अपनी चमक विदेशों तक दिखाई हो लेकिन चम्बा रूमाल अब अपने ही घर हिमाचल में बेगाना हो गया है। पिछले तीन दिनों से चम्बा रूमाल को छोटी काशी महोत्सव में खरीददार तक नहीं मिल पा रहे हैं। जिससे आयोजकों के हाथ मायूसी ही लग रही है।
हालांकि चम्बा रूमाल में जो कलाकृति पेश की गई है वह बेजोड़, लाजवाब अविस्मरणीय और अद्भुत है। जिसे छूने मात्र से ही यह अहसास हो जाता है कि इसे कितने शानदार तरीके और सलीके से निर्मित किया गया होगा। एक-एक धागा उसके सफर की कहानी स्वयं ब्यां करता है। लेकिन खरीदारी की जब बात आती है तो खरीदार उचित कीमत देने से कतरा रहे हैं। जिससे चम्बा रूमाल अपने ही घर में बेगाना सा हो गया है।
गौरतलब है कि मंडी जिला में कला के कई कद्रदान हैं लेकिन खरीदारी में वे दरियादिली नहीं दिखा पाए हैं। जिला मुख्यालय पर छोटी काशी महोत्सव में इंदिरा मार्किट की छत पर चम्बा से स्टॉल लगाने आए हैं। जिनके स्टॉल पर नाममात्र बिक्री हो पाई है। स्टॉल पर कार्यरत इंदु ने बताया कि चम्बा रूमाल को मंडी में ज्यादा ग्राहक नहीं मिल पाए हैं। हालांकि देखने वालों की स्टॉल पर भीड़ तो रही मगर किसी ने खरीदारी नहीं की।
उन्होंने बताया कि चम्बा रूमाल के दाम पांच हजार से लेेकर 50 हजार तक रखे गए हैं। एक कारीगर को एक रूमाल बनाने के लिए करीब दो माह तक लग जाते हैं तब जाकर चम्बा रूमाल कला संगम देखने को मिलता है। क्या है खासियत इस चम्बा रूमाल की खासियत यह है कि यह दोनों तरफ से एक जैसा दिखाई देता है। जैसी कढ़ाई एक तरफ होगी वैसी ही दूसरी तरफ भी होगी। क्योंकि इसे हाथ से तैयार किया जाता है। मशीन से यह बन नहीं पाता है।
जो लोग मशीन से बनाते हैं उसको देखते ही पता चल जाता है कि वह असली है या फिर नकली। बताया जा रहा है कि इसे सर्वप्रथम चम्बा के राजा भूरि सिंह ने निर्मित करवाया था। धीरे-धीरे इस रूमाल का उत्पादन व्यवसायिक हुआ। अब यह पूरी तरह से व्यवसायिक है और दुनिया के लोग इसे खूब पसंद करते हैं। इसकी डिमांड चंडीगढ़, दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई तक रहती है।
विदेशी लोग इसे अधिकतर खरीदते हैं। बॉक्समंडी में कला के कद्रदान बहुत हैं। लोग अवश्य आखिर में इसकी खरीदारी कर सकते हैं। जिससे आयोजकों को फायदा होगा। चम्बा रूमाल सचमुच ही कला का बेहतर नमूना है। इस कला को संजोये रखना होगा तभी हमारी संस्कृति भविष्य में जिंदा रहेगी। सुमन ठाकुर अध्यक्षा नप मंडी