अब तक 1547 शुगर रोगियों की हो चुकी है मौत
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
राज्य में डायबिटीज से ग्रस्त कोरोना मरीजों के इलाज के लिए नई गाइडलाइन भारत सरकार ने जारी की है। इसे वीरवार को हिमाचल में भी लागू कर दिया गया है। अब राज्य में शुगर टेस्ट किए बगैर कोरोना की दवाई भी शुरू नहीं की जाएगी।
नई गाइडलाइन में कहा गया है कि हर मरीज को पहले हाइपर डायबिटीज के लिए टेस्ट किया जाए और डायबिटिक स्टेटस पता करने के बाद ही इलाज शुरू किया जाए। ऐसे मरीजों को इलाज के साथ ही डायबिटीज डाइट पर भी डालना होगा और केवल आपात स्थितियों में ही स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जाएगा। गौरतलब है कि हिमाचल में अब तक 3217 कोविड मरीजो की मौत हुई है और इनमें से 1547 डायबिटीज से ग्रस्त भी थे। यह प्रतिशतता 48.1 बनती है। मरने वालों में सबसे ज्यादा करोना मरीज डायबिटीज वाले थे। यही कारण है कि भारत सरकार और राज्य सरकार को शुगर रोगियों के लिए अलग से प्रोटोकॉल जारी करना पड़ा है।
अब प्राइवेट सेक्टर में भी मिलेगी वैक्सीन
हिमाचल में अब निजी क्षेत्र में भी वैक्सीन लगना शुरू हो गई है। कांगड़ा में फोर्टिस अस्पताल शुक्रवार से कोवीशिल्ड और कोवैक्सीन दोनों तरह के टीके लगाएगा। इसके लिए प्रति डोज ₹850 पहले ही तय कर दिए गए हैं। इसके साथ ही किन्नौर में संजीवनी जिंदल हॉस्पिटल भी वैक्सीन अभी लगाना शुरू कर चुका है और आज वहां 60 से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। इन दोनों स्थानों पर 18 से 40 साल के लोग भी वैक्सीन बिना पोर्टल पर रजिस्टर किए लगा सकते हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक हिमाचल में 1975780 लोगों को 2 जून तक वैक्सीन लग चुकी थी और अब 39 प्राइवेट सेंटर और अस्पताल भी वैक्सीन व लगाना शुरु कर देंगे।
कोरोना पॉजिटिव माताएं करवाती रहें स्तनपान
नेशनल हेल्थ मिशन हिमाचल की ओर से वीरवार को बताया गया है कि यदि कोई मां कोरोना पॉजिटिव है तो भी बच्चे को स्तनपान कराना जरूरी है। बताया गया है कि सामान्य तौर पर स्तनपान से वायरस बच्चे में नहीं जाता, लेकिन इसके लिए अन्य सावधानियां रखना जरूरी है। जैसे की मां को ट्रिपल लेयर मास्क लगाना जरूरी है और हाथों को साफ रखने के लिए बार-बार साबुन से धोना भी जरूरी होगा। स्वास्थ्य मिशन की तरफ से यह भी कहा गया है कि मां को बच्चे से किसी भी सूरत में अलग नहीं करना चाहिए। लेकिन बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए जो भी तौर तरीके उपलब्ध हैं वह करने चाहिए। बच्चे के लिए पहले 6 महीने में स्तनपान बेहद जरूरी है और कोविड-19 होने के बाद भी यह प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए।