दयाल प्यारी से कांग्रेस-भाजपा दोनों को नुकसान
आरडी पराशर। सराहां : पच्छाद विस उपचुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय बनता जा रहा है। हालांकि पहले सभी में यह चर्चा थी कि भाजपा से बागी दयाल प्यारी के आजाद चुनाव लडऩे से यह सीट सीधे कांग्रेस के दिग्गज गंगू राम मुसाफिर की झोली में आ जाएगी, लेकिन अब समीकरण काफी बदलते नजर आ रहे हैं और इसका नुकसान भाजपा व कांग्रेस दोनों को होता नजर पड़ रहा है। वैसे अभी यह कहना थोड़ा जल्दबाजी होगी की जीत किसकी होती है, परंतु इतना जरूर कहा जा सकता है कि अब राहें थोड़ी मुश्किल हो रही हैं।
अगर 2017 के विस चुनाव व हाल ही हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो भाजपा मजबूत दिख रही है। 2017 विस चुनाव में पच्छाद में कुल 71210 मतदाता थे, जिनमें से कुल 55859 वोट पड़े थे। इस चुनाव में भाजपा के सुरेश कश्यप ने मुसाफिर को 6427 वोटों से दूसरी बार हराया था। इस चुनाव में अगर गिरिआर और गिरिपार की बात करें तो गिरिपार राजगढ़ से मुसाफिर को कुल 10965 व सुरेश कश्यप को 13953 वोट पड़े थे, वहीं गिरिआर में मुसाफिर को 12464 और कश्यप को 15813 वोट पड़े थे। वहीं बात करे लोक सभा चुनाव की तो भाजपा ने पच्छाद से 16021 वोटों से बढ़त को विस चुनाव से लगभग तीन गुना किया। इस लोस चुनाव में आंकड़ा दिलचस्प जरूर रहा इसके पीछे यहां मोदी फेक्टर की भी बात की गई।