शिमला :
आशियाना प्रोजेक्ट-2 के तहत नगर निगम ने शिमला शहर में 62 लाभार्थियों को मकानों का आवंटन किया है, लेकिन इनमें से कुछ लाभार्थियों ने फर्जी दस्तावेज दिखाकर सस्ते मकान झटक लिए। नगर निगम को जब इस बारे में शिकायतें प्राप्त हुई तो नगर निगम ने दोबारा से दस्तावेजों की री-वैरिफिकेशन करवाई है।
दस्तावेजों की री-वैरिफिकेशन के लिए नगर निगम की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने अपनी जांच में पाया कि जिन 62 लाभार्थियों को मकानों का आवंटन किया, जिसमें 10 लोगों ने फर्जी दस्तावेज दिखाकर मकान हासिल किए हंै। री-वैरिफिकेशन के दौरान सामने आया कि हिमाचल से बाहर और हिमाचल के अलग-अलग जिलों में रहने वाले लोगों ने होमलेस व लैंडलेस होने के जो दस्तावेज पेश किए थे, वे दस्तावेज फर्जी पाए गए। जबकि इन लोगों के बाहरी राज्यों या हिमाचल के अन्य जिलों में अपनी जमीनें थी, जबकि कुछ लोगों ने पूरे दस्तावेज ही नहीं जमा करवाए थे।
इसके बावजूद भी इन लोगों ने सस्ते मकान हासिल करने के लिए गलत दस्तावेज दिखाकर आशियाना प्रोजेक्ट-2 के तहत मकान हासिल किए। ऐसे में हाल ही में हुए नगर निगम के सदन में इस पर प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव के तहत नगर निगम ने इन लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया है। इसके बाद नगर निगम की ओर से इन लाभार्थियों का आवंटन रद कर दिया जाएगा।
ये हैं शामिल
आशियाना प्रोजेक्ट टू के लिए कई लोगों ने जहां गलत दस्तावेज पेश किए तो कई लोगों ने पूरे दस्तावेज ही जमा नहीं करवाए। इन लोगों में बिमला देवी, शारदा देवी, अश्वनी कुमार, कांता देवी, विश्वनाथ, ज्ञानचंद, धर्मवीर, बच्चन सिंह, नरेश कुमार कुमार और माया देवी शामिल है। ऐसे में अब इनके पास 31 मार्च तक अपना पक्ष रखने का समय है।