जय प्रकाश। संगड़ाह
कपाट बंद होने के बावजूद चूड़धार पहुंच रहे लोगों को न तो कोरोना माहमारी का डर है और न ही प्रसाशन का सावन का महीने शुरू होते ही जिला सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है। अधिकतर लोगों के लिए चूड़धार अब ट्रैकिंग का जरिया बना हुआ है। वैश्विक महामारी में प्रसाशन द्वारा चूड़धार की यात्रा पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।
नियमानुसार न तो चूड़धार में शिरगुल महाराज मंदिर में दर्शन करने की अनुमति है और न ही ठहरने की कोई व्यवस्था है। कई लोग बीच रास्ते में जाकर टेंट लगाकर रात्रि विश्राम करते देखे जा सकते हैं। चूड़धार धाम के लिए प्रदेश के अलावा उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से भारी संख्या में पवित्र धाम की यात्रा पर पहुंच रहे हैं।
यात्रा पर निकले श्रद्धालु कम, मौज-मस्ती करने पहुंचे लोग ज्यादा दिख रहे हंै। ऐसे में क्षेत्र के लोगों को इस शांत व हरे भरे क्षेत्र में कोरोना जैसी इस बीमारी का खतरा होने का डर सता रहा है। जबसे प्रदेश सरकार ने पर्यटकों को आने की खुली छूट दी है, तब से लेकर पर्यटक बेझिझक होकर यात्रा कर रहे हैं। हर रोज 100 से 200 श्रद्धालु चूड़धार पहुंच रहे हैं। चूड़ेश्वर सेवा समिति प्रबंधक बाबू राम शर्मा ने कहा कि चूड़धार में किसी के भी रहने व ठहरने की व्यवस्था नहीं की जा रही है।