हिमाचल दस्तक : विजय कुमार : संपादकीय : प्रदेश में शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लिए अभियान शुरू करना सराहनीय पहल है। इस अभियान को सुपर 111 नाम दिया गया है। राज्य सरकार ने इस अभियान को शहरी विकास विभाग के माध्यम से शुरू किया है। सब कुछ सरकार की योजना के मुताबिक हुआ तो प्रदेश के शहर कचरे से मुक्त हो जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने अभियान की डेडलाइन भी तय कर दी है। राज्य के 50वें पूर्ण राज्यत्व दिवस पर शहरों की कचरे से आजादी का लक्ष्य रखा गया है। यानी 25 जनवरी, 2020 तक इस अभियान से प्रदेश के शहरों को कचरा मुक्त करने की योजना है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों को ठोस और प्लास्टिक कचरे से मुक्त करना है। शहरी विकास विभाग ने लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम भी शुरू कर दिया है। इस कड़ी में 54 शहरों के 487 वार्डों में डोर-टू-डोर कलेक्शन शुरू कर दी गई है। अब सेग्रीगेशन एट सोर्स पर जोर दिया जा है। विभाग 11 करोड़ रुपये से हर शहर में मटीरियल रिकवरी फैसिलिटी बना रहा है।
वहीं ट्रांसपोर्टेशन के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी। प्रदेश के 10 शहरों में ट्रॉमल मशीन लगाने की योजना है। चंबा, धर्मशाला, हमीरपुर, सोलन और सुंदरनगर में मशीनें लगाई जा चुकी हैं। इसके अलावा डंप कचरा प्रेस करने के लिए वेलिंग मशीनें दी जा रही हैं। सभी शहरी निकायों को सैनिटरी नैपकिन के निपटान के लिए इंसीनरेटर देने का कार्य प्रगति पर है। सभी शहरी निकायों में हर महीने के पहले और तीसरे सोमवार को सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ कचरे के निपटान पर चर्चा का भी प्रावधान है। अभियान में डोर-टू-डोर कलेक्शन के साथ घरों से ही कचरे के सग्रिगेशन पर फोकस किया जाएगा। इसमें कोई दोराय नहीं कि सुपर 111 अभियान काफी प्रभावी है, मगर बेहतर परिणाम के लिए जन सहभागिता जरूरी है।