– 206 प्रिंसिपल प्रमोशन पर गाइडलाइन फाइनल
– 50 – 50 फीसदी के रेशों से ही होगी प्रीसिंपल की प्रमोशन
– सरकार से फाइनल डीपीसी की फाइल पहुंची शिक्षा विभाग
– लैक्चरर व हैडमास्टर को एक बराबर कोटा
– लैक्चरर और हैडमास्टर पद पर तीन साल का अनुभव जरूरी
– कई हैडमास्टर प्रीसिंपल की रेस से हुए बाहर
प्रतिमा चौहान, शिमला
प्रदेश में 206 प्रिंसिपल प्रमोशन (principal promotion) पर राहत भरी खबर है। प्रदेश सरकार नेे प्रीसिंपल प्रमोशन की औपचारिकताएं पूरी कर दी है। वहीं इस बार पूराने नियमों के तहत ही लैक्चरर व हैडमास्टर कोटे से प्रीसिंपल के पद पर प्रमोशन होगी। इसमें हैडमास्टर और प्रिंसिपल प्रमोशन के लिए 50 – 50 प्रतिशत का कोटा सरकार ने तय किया है।
हांलाकि प्रीसिंपल बनने के लिए शिक्षकों के लिए एक शर्त जरूर रोड़ा बन सकती है। जिसमें प्रमोशन के आधार पर हैडमास्टर और लैक्चरर के पद पर प्रमोट हुए शिक्षकों को 3 साल का कार्यकाल पूरा करना अनिवार्य है।
विभागीय जानकारी के अनुसार विभाग कभी भी प्रिंसिपल प्रमोशन (principal promotion) की सूची जारी कर सकते है। उसमें हैडमास्टर कोटे से प्रीसिंपल बनने वाले शिक्षकों को झटका लग सकता है। कई हैडमास्टर प्रिंसिपल की रेस से बाहर हो गए है। सीनियोरिटी के बावजूद कई हैडमास्टरों का नाम सूची में नहीं है।
दरअसल हैडमास्टर और लैक्चरर की पोस्ट पर तीन साल का अनुभव प्रीसिंपल बनने के लिए जरूरी है। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग इसी हफ्तें ये सूची जारी कर देगी।