हिमाचल दस्तक। मंडी
प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए सीवरेज शुल्क को 25 प्रतिशत कम किया जाएगा। जून, 2005 की अधिसूचना के अनुसार वर्तमान में सीवरेज शुल्क पानी के बिल का 50 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने मंडी के सेरी मंच से एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। सोमवार को सीएम मंडी के दौरे पर थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 167 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उद्घाटन किए।
इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि दो वर्ष का यह सेवाकाल सुशासन, नवाचार और जनसेवा को समर्पित रहा है। प्रदेश में नई सोच के साथ विकास की नई योजनाएं आरंभ करने के परिणामस्वरूप विकास के एक नए युग का सूत्रपात हुआ है। इन योजनाओं के प्रभावशाली क्रियान्वयन से प्रदेश में लोगों के जन-जीवन में बदलाव देखने को मिल रहा है। इन दो सालों में प्रदेश की जनता ने हमारी सरकार को भरपूर विश्वास और समर्थन दिया है।
भाजपा ने लोक सभा चुनावों में चारों सीटों पर रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की और दोनों उप-चुनाव भी जीते। यह इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश के लोगों ने सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को अपना भरपूर समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3,56,563 वरिष्ठ नागरिकों को 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जा रही है। केंद्र सरकार की ‘उज्ज्वला योजना’ से प्रदेश के 1,36,000 परिवारों को लाभ प्राप्त हुआ है।
हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के अंतर्गत अभी तक 2 लाख 62 हजार से अधिक परिवारों को लाभ पहुंचाया गया है। इस योजना के तहत शत-प्रतिशत पात्र लाभार्थियों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे लोगों के लिए प्रदेश सरकार ने हिम केयर योजना आरंभ की है। अभी तक इस योजना का लाभ 54 हजार 282 रोगियों ने उठाया है, जिस पर 51.33 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने तथा युवाओं को रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट आयोजित की गई, लेकिन खेद की बात है कि इस आयोजन को लेकर विपक्ष अनावश्यक शोर-शराबा कर रहा है, जबकि कांग्रेस शासित राज्यों ने भी इस प्रकार के आयोजन किए हैं।
राज्य सरकार ने इस मीट के आयोजन पर बहुत कम धन राशि खर्च की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान ऊना जिला में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने में अनावश्यक धन राशि खर्च करने पर सीएजी ने भी सवाल खड़े किए हैं। यही नहीं भूमि की उपलब्धता होने के बावजूद भूमि विकास और मिट्टी ढुलाई के काम पर ही लगभग 45 करोड़ रुपये व्यर्थ में खर्च किए गए।
समस्याओं के समाधान में जनमंच मील पत्थर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जन समस्याओं के समाधन को सर्वोंच्च प्राथमिकता दी है। लोगों की समस्याओं के शीघ्र निपटारे में जनमंच मील पत्थर साबित हुआ है। अभी तक प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में 171 जनमंच आयोजित किए जा चुके हैं। इनमें 43,271 जन शिकायतें एवं मांगें प्राप्त हुईं जिनमें से 91 प्रतिशत शिकायतों व मांगों का समाधान किया जा चुका है।