हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
कोविड-19 के चलते दस महीनों से बंद प्रदेश के कॉलेजों में सोमवार से रौनक लौटेगी। कैबिनेट के निर्णय के बाद सोमवार से छात्र-छात्राएं कॉलेज आएंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी के तहत ही प्रदेश में कॉलेज खोले जाएंगे। इस बारे में शिक्षा विभाग ने भी निर्देश जारी किए हैं कि एसओपी के तहत ही कॉलेज खोले जाएं। कोई भी छात्र बिना मास्क पहनेे कॉलेज में प्रवेश नहीं कर पाएगा।
शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों पर भी ये नियम लागू होगा। प्रदेश भर में ज्यादातर छात्र बसों में सफर कर कॉलेज पहुंचते हैं, इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने कॉलेज प्रधानाचार्यों को पूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। कॉलेज कैंपस में बनी कैंटीन और कैफेटेरिया पर भी कॉलेज प्रिंसिपल की नजर रहेगी। इसकी नियमित रूप से चैकिंग होगी। यहां पर खाने की व्यवस्था से लेकर अन्य चीजों को चैक किया जाएगा।
उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने कहा कि कॉलेजों को निर्देश जारी किए गए हैं कि फेस मास्क पहनना सभी छात्रों, शिक्षकों और गैर शिक्षकों के लिए अनिवार्य रहेगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एसओपी का पालन करने को कहा गया है। कॉलेज प्रधानाचार्य खुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगे कि नियमों की अवहेलना तो नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों से रोजाना छात्रों की संख्या की रिपोर्ट मंगवाई जाएगी।
दो सत्र में लगेंगी कक्षाएं
छात्रों की अधिक संख्या वाले कॉलेजों में एक दिन छोड़कर या सुबह-शाम के सत्र में भी कक्षाएं लगाई जाएंगी। कॉलेजों की तरफ से निदेशालय को भेजे प्लान में यह बात कही गई है। हालांकि कॉलेज प्रिंसिपल का कहना है कि पहले यह देखा जाएगा कि कितने छात्र नियमित कक्षाएं लगाने के लिए आते हैं।
कॉलेज गेट पर होगी थर्मल स्कैनिंग
कॉलेज गेट पर छात्रों की थर्मल स्कैनिंग होगी। गेट पर ही हैंड सैनेटाइजर की व्यवस्था भी की जाएगी। पूरे कैंपस में जगह-जगह हैंड सैनेटाइजर रखे जाएंगे। शिक्षा विभाग ने सर्दी, जुकाम और बुखार के लक्षण वाले छात्रों और शिक्षकों को कॉलेज न आने की सलाह दी है। ऐसे छात्र घर से ही ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी रख सकेंगे। नियमित कक्षाएं शुरू होने के बाद कॉलेजों की व्यवस्था का माइक्रो प्लान कॉलेजों ने पहले ही तैयार किया हुआ है।
क्लास रूम में शारीरिक दूरी के नियमों की पालना हो इसके लिए कॉलेजों ने अलग-अलग सेक्शन बना लिए हैं। सेक्शन केवल उन्हीं विषयों में बनाए गए हैं जिसमें छात्रों की संख्या ज्यादा है। कॉलेजों ने क्लासरूम में सीटिंग प्लान भी बदल दिया है ताकि शारीरिक दूरी बनी रहे।