साहिल डढवाल। नूरपुर
पठानकोट-मंडी फोरलेन संघर्ष समिति ने प्रशासन द्वारा जारी मुआवजा राशि को नकारते हुए उसे ऊंट के मुंह में जीरे के समान बताया है।
संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा ने कहा कि नूरपुर प्रशासन जिस दिन से फोरलेन प्रभावितों को मुआवजा राशि (compensation amount) वितरित कर रहा है, वह तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि 145 करोड़ रुपए में से प्रशासन ने 35 करोड़ रुपए प्रभावितों को वितरित कर दिए हैं, जो सरासर लोगों के साथ धोखा है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की इस कारगुजारी के कारण आज 3500 प्रभावित परिवार खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। सुदर्शन शर्मा ने कहा कि 3 वर्ष तक प्रशासन इन्हें प्रलोभन देता रहा और इनके साथ झूठे वादे करता रहा। वहीं यहां के नुमाइंदे भी इस मामले में लोगों का पक्ष सही ढंग से नही रखं सके और लोगों को धोखे में रखे रखा।
उन्होंने कहा कि सरकार को इसका खामियाजा 2022 के चुनावों में भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कंडवाल से लेकर मंडी तक प्रभावित होने वाले एक लाख लोग घर घर जाकर अपनी व्यथा बताएंगे और बताएंगे कि किस कदर सरकार ने इनकी करोड़ों की भूमि के दाम कौड़ियों में लगा दिए।
उन्होंने कहा कि अभी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कुल्लु में कहा कि प्रभावित लोगों को फैक्टर टू के तहत मुआवजा दिया जाएगा लेकिन प्रभावितों को ये मुआवजा मंजूर नही है।
उन्होंने कहा प्रशासन 6 सूत्री पत्र पर अपनी शर्ते रख कर लोगों को मुआवजा दे रहा है जिसे कभी भी मंजूर नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ प्रभावित अदालत में जाएंगे लेकिन इस मुआवजे को कभी स्वीकार नही करेंगे।