अंकिता। शिमला
रामपुर की रहने वाले चंद्रप्रभा नेगी जिला परिषद शिमला की नई अध्यक्ष बन गई हैं, जबकि रोहडू के सुरेंद्र रेटका उपाध्यक्ष बने हैं। शिमला जिला परिषद के चुनाव के लिए सभी सदस्यों की वीरवार को बचत भवन में बैठक हुई। सुबह 10 बजे उपायुक्त शिमला द्वारा बुलाई बैठक में संख्या बल में सबसे आगे कांग्रेस ने दोनों पदों के लिए नाम बताए।
जिला परिषद शिमला की पहले भी चंद्रप्रभा अध्यक्ष रह चुकी हैं और उनका कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया था। सिर्फ एक सदस्य के पाला बदलने के बाद चंद्रप्रभा नेगी को जिप अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा था। मौजूदा समय में नेगी के पास प्रदेश कांग्रेस में भी पद है। वीरभद्र सिंह के हस्तक्षेप करने के बाद कांग्रेस ने जिला परिषद अध्यक्ष के लिए चंद्रप्रभा नेगी को प्रत्याशी बनाया, जिन्हें 24 में से 15 वोट हासिल हुए।
भाजपा ने आजाद प्रत्याशी भारती जनारथा को समर्थन देते हुए अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतारा उन्हें 9 मतों से संतोष करना पड़ा। उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस ने सुरेंद्र को प्रत्याशी बनाया और भाजपा ने आजाद प्रत्याशी मदन लाल वर्मा को समर्थन दिया। सुरेंद्र रेटका को 17 वोट और मदन को 07 वोट मिले। इस तरह से लंबी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस ने आखिरकार शिमला में जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी को बचा लिया।
कांग्रेस के पास अपने 12 सदस्यों के अलावा माकपा के 3 सदस्यों का समर्थन भी था। इसके अलावा 2 आजाद सदस्यों ने कांग्रेस को उपाध्यक्ष के लिए समर्थन दिया। हालांकि दोनों पदों पर कांग्रेस को एक समान मत हासिल नहीं हुए। इसी के साथ शिमला पहला जिला है जहां कांग्रेस की जिला परिषद बनी है। अब तक हुए जिला परिषद के चुनाव में सभी जगह भाजपा ने ही बाजी मारी थी।
पहली बैठक में नहीं हुआ था कोरम पूरा
जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए इससे पहले भी 4 फरवरी को बैठक बुलाई गई थी, लेकिन पहली बैठक में कोरम पूरा नहीं हुआ। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के सदस्य इस बैठक में नहीं आए। उसके बाद बैठक स्थगित कर दी गई और 10 फरवरी के लिए बैठक को टाल दिया गया था।