- एसआईटी ने बिहार से गिरफ्तार किए 5 लोग
- प्रश्न पत्र लीक करने में पांचों प्राइमरी सोर्स
वरिष्ठ संवाददाता :शिमला
हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में एसआईटी को बड़ा ब्रेक थ्रू मिला है। एसआईटी ने खुलासा किया है कि पेपर प्रिंटिग प्रेस से लीक हुआ है। हिमाचल पुलिस एसआईटी के हत्थे पेपर लीक करने वाले 5 प्राइमरी सोर्स मिले हैं। इन सभी को पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार किया है। यह बड़ा ब्रेक थू्र मंडी पुलिस को मिला है। मंडी पुलिस ने इस मामले में सबसे पहली गिरफ्तारी 27 मई को की थी। जिसके बाद हुई पूछताछ के बाद लगातार गिरफ्तारियां होती रहीं।
28 और 31 मई को भी मंडी पुलिस ने गिरफ्तारियां की हैं। जिसमे कडिय़ों को जोड़ते हुए पुलिस अब दावा कर रही है कि वह इस मामले की पूरी तस्वीर से पर्दा हटाने वाली है। एसआईटी ने खुलासा किया है कि पेपर लीक करवाने में सबसे अहम रोल सुधीर यादव का है, यह अकबरपुर बिहार का रहने वाला है। जिस प्रिंटिग प्रेस में पेपरों की छपाई हुई वहां पर यह पार्ट टाइम वर्कर का काम करता है। मार्च में हुई पुलिस कांस्टेबल पुलिस भर्ती का पेपर इसी ने लीक किया। इसमें यह पेपर गौतम कुमार भारती के जरिये गोरे लाल यादव को पहुंचाए। इसके लिए इसेे सुबोध यादव, भरत यादव और अरविंद कुमार ने डायरेक्शन दी थी।
इसके बाद पुलिस ने दूसरे आरोपी गोरे लाल यादव को भी गिरफ्तार किया है, यह बिहार का रहने वाला है। दिल्ली की प्राइवेट कंपनी ओखला में यह सिक्योरिटी गार्ड है। इसी ने गौतम कुमार भारती को पेपर मुहैया करवाया था। इसे भी सुबोध सिंह, भरत यादव और अरविंद कुमार ने डॉयरेक्शन दी थी। तीसरा आरोपी गौतम कुमार भी पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। यह अथमल गोला बिहार का रहने वाला है। पुलिस प्रश्नपत्र गोरेलाल से प्राप्त किया और इसे आगे अपने भाई भरत यादव को भेज दिया।
वहीं इस मामले में पकड़े गए चौथे आरोपी सुबोध कुमार चुली जोकि बिहार का रहने वाला है। इसने प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाने के लिए सुधीर यादव, गोरे लाल और भारत यादव, अरविंद कुमार के बीच मध्यवर्ती निभाई है। पांचवां आरोपी अरविंद कुमार बिहार का है। मंडी पुलिस ने अनुसार यह इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड है। भरत यादव के साथ मिलकर इसने इस सारे मामले में षड्यंत्र रचा है। एसआईटी दावा कर रही है कि यह भी इस मामले में प्राइमरी सोर्स है। ये सभी एक-दूसरे के संपर्क में थे और इन्होंने प्रिटिंग प्रेस से यह पेपर लीक किया।
3 कोचिंग सेंटर भी जांच के घेरे में
शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में तीन कोचिंग सेंटर भी जांच के घेरे में हैं। इसमें दो कोचिंग सेंटर कांगड़ा पुलिस और एक ऊना पुलिस की जांच में है। इन सभी की जांच चल रही है। ऐसे में अभी एसआईटी यह उम्मीद लगाए हुए है कि अभी इस मामले में और भी कडिय़ां जुड़ेंगी। अब तक की जांच में सामने आया है कि पेपर लीक मामले में बिहार, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल के गिरोह शामिल हैं।
मामले में अब तक एजेंटों से 10 लाख 34 हजार 900 रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इसके अलावा एजेंटों व आरोपियों से 6000 नेपाली मुद्रा, 6 कार, 154 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, एक डीवीआर, 10 हार्ड डिस्क, एक पैन ड्राइव, 3 मेमोरी कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड समेत अन्य सामान जब्त किया गया है। वहीं डीजीपी हिमाचल पुलिस संजय कुंड्डू का कहना है कि इस मामले से संबंधित सभी तरह का पेपर वर्क तैयार कर लिया गया है।
जैसे ही सीबीआई हिमाचल पहुंचती है तो उन्हें यह केस सौंप दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने जांच सीबीआई को सौंपी है, लेकिन सीबीआई ने अभी तक इसकी जांच शुरू ही नहीं की है। 15 दिन बीत गए हैं, लेकिन अभी तक इस फर्जीवाड़े में मामला दर्ज नहीं किया गया है। सीबीआई की ओर से सरकार को हां या ना का जवाब नहीं मिला है।
- 7 राज्यों के गिरोह पेपर लीक मामले में शामिल
- सीबीआई को केस सौंपने के लिए कागज तैयार
अब तक 121 लोग हो चुके हैं अरेस्ट
इस मामले में अभी तक पुलिस 121 लोगों को अरेस्ट कर चुकी है। इसमें 85 अभ्यर्थी, 3 अभ्यर्थियों के पिता, 33 एजेंट पकड़े गए हैं। एजेंट में 18 हिमाचल प्रदेश और 15 प्रदेश के बाहर से पकड़े गए हैं।