हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
प्रदेश के सरकारी विभागों में कार्यरत अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर कार्मिक विभाग ने अभी तक कोई निर्देश सरकारी महकमों को जारी नहीं किए हैं। ये कर्मचारी तीन साल की अनुबंध अवधि पूरी करने के बाद 31 मार्च और 30 सितंबर की तिथि के हिसाब से रेगुलर किए जाते हैं। यह प्रक्रिया शुरू करने के लिए पहले कार्मिक विभाग अन्य विभागों के लिए अधिसूचना जारी करता है।
इसके बाद ही अन्य सरकारी विभाग निर्धारित कार्यकाल पूरे करने वाले कर्मचारियों के दस्तावेज चेक करने और अन्य औपचारिकताओं की प्रक्रिया शुरू करते हैं। लेकिन इस बार अब तक ये निर्देश जारी नहीं हो पाए हैं। इसलिए विभागों में नियुक्त ऐसे कर्मचारी असमंजस में हैं, जो अनुबंध कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। उधर, कार्मिक विभाग इसके लिए मुख्यमंत्री के बजट भाषण का इंतजार करेगा। गौरतलब है कि सरकार ने 26 फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र बुला लिया है।
इसमें पहले दिन राज्यपाल अभिभाषण होगा और 6 मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बजट पेश करेंगे। कार्मिक विभाग के अधिकारी कहते हैं कि सामान्य तौर पर इस बारे में मुख्यमंत्री के बजट भाषण में ही स्थिति साफ होती है। यदि इसमें कार्यकाल ऐसे ही रहा, जैसा वर्तमान में तीन साल है, तो भी 6 मार्च की घोषणा के अनुसार विभागों को अधिसूचना चली जाएगी, जिसमें 31 मार्च की डेट के हिसाब से ही नियमितीकरण होगा। यदि बजट भाषण में इस बारे में कुछ नहीं कहा गया तो फिर फाइल मूव की जाएगी, ताकि सरकार से अनुमति ली जा सके।
अनुबंध अवधि घटाने की मांग कर रहे कर्मी
राज्य के अनुबंध कर्मचारी कांट्रेक्ट पीरियड को तीन से दो साल करने की मांग कर रहे हैं। तर्क दिया जा रहा है कि इस बारे में चुनाव पूर्व भाजपा के दृष्टिपत्र में वादा किया गया था। अब तक कई मंत्रियों और मुख्यमंत्री से मिलकर कर्मचारी ये मांग रख चुके हैं। सरकार से अब तक सकारात्मक रिस्पॉन्स मिला है। हालांकि जब तक फैसला न हो जाए, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन इतना तय है कि अनुबंध कर्मचारियों की रेगुलराइजेशन से ज्यादा अहम अब अनुबंध अवधि को कम करना हो गया है।