शकील कुरैशी : शिमला
हिमाचल प्रदेश में शराब कारोबार में अब कंपीटिशन बढ़ेगा। आगामी वित्त वर्ष के लिए सरकार ने जो आबकारी नीति बनाई है, उसमें साफ है कि आने वाले दिनों में जहां शराब की गुणवत्ता बढ़ेगी वहीं कंपीटिशन भी बढ़ेगा। डिस्टिलरी और होल सेल से जो शराब कोटा उठाने की शर्त को सरकार ने खत्म कर दिया है उससे शराब कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी। क्वालिटी में सुधार के लिए डिस्टिलरी व होल सेल व्यापारियों के बीच बड़ा मुकाबला रहेगा।
बताया जाता है कि जो शराब ठेके रिन्यू नहीं होंगे उनको नीलाम करने की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा जैसा पहले से नियम तय हैं। ऐसे में 24 मार्च से आबकारी एवं कराधान विभाग नई प्रक्रिया को अपनाने के लिए काम शुरू करेगा। सूत्रों के अनुसार जिलों के अधिकारी आबकारी पॉलिसी की विस्तृत गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं, जोकि एक दो दिन में उनको पहुंच जाएगी। इसके बाद जिलों में नए सिरे से शराब ठेकों के आबंटन की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा।
बता दें कि डिस्टिलरी व होल सेल से कोटा खत्म करने के बाद अब शराब कारोबारी कहीं से भी शराब खरीद सकेंगे। पहले उन पर 15 फीसदी कोटा उठाने की शर्त रहती थी, जिसके चलते एक निर्धारित होल सेलर से ही शराब खरीदी जाती थी, लेकिन अब कोटा नहीं होगा तो कहीं से भी बेहतर क्वालिटी की शराब उठाई जा सकती है।
पहले गुणवत्ता पर उठते रहे हैं सवाल
सामने आता रहा है कि कई डिस्टिलरी की शराब अच्छी नहीं होती, जिसकी गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में उन डिस्टिलरी को भी क्वालिटी पर ध्यान देना होगा यदि उनको मार्किट में रहना है तो। ऐसे में सरकार ने इस मामले में कंपीटिशन को शुरू कर दिया है। इसके साथ शराब के दामों को लेकर अभी मामला तय किया जाना है, लेकिन यह तय है कि देसी शराब के दाम यहां पर कम होंगे। यह दाम कम होंगे या फिर देसी शराब के नए ब्रांड हिमाचल में आ सकेंगे जोकि सस्ती दरों पर मिलेगी। इसमें भी क्वालिटी से कोई समझौता नहीं होगा।
ठेके रिन्यू न करवाने वालों को देना होगा लिखित
बहरहाल देखना होगा कि अभी कितने शराब व्यापारी अपने ठेके को रिन्यू करवाते हैं और कितने नहीं। जो रिन्यू नहीं करवाएंगे उनको विभाग को एक-दो दिन में लिखकर देना होगा, जिसके बाद उनकी नीलामी की प्रक्रिया को यहां पर पूरा करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जल्दी ही शराब के नए दाम भी आबकारी महकमा अधिसूचित कर देगा। इसके अलावा यदि अंग्रेजी शराब की बात करें तो हो सकता है उसके दाम यहां पर बढ़ जाएं या फिर इसके भी नए ब्रांड यहां आ सकते हैं जैसा वर्तमान वित्त वर्ष की आबकारी नीति के तहत हुआ था।