एजेंसी। नई दिल्ली
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सऊदी अरब सरकार के आग्रह पर इस साल भारत से किसी को भी हज के लिए नहीं भेजने का फैसला किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि हज-2020 के लिए आवेदन करने वाले दो लाख से अधिक लोगों को उनके पूरे पैसे वापस भेजे जाएंगे। साथ ही कहा कि मेहरम (पुरुष रिश्तेदार) के बिना हज पर जाने के लिए आवेदन करने वाली करीब 2300 महिलाओं को अगले साल नए सिरे से आवेदन नहीं करने होंगे और वो हज के लिए जा सकेंगी।
नकवी ने यहां संवाददाताओं से कहा, सऊदी अरब सरकार के हज मंत्री का फोन आया था। उन्होंने पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा
है कि हज-2020 के लिए इस बार भारत से हज यात्रियों को नहीं भेजा जाए। उन्होंने कहा कि हमने सऊदी अरब के फैसले का सम्मान करते हुए निर्णय लिया है कि इस बार भारतीय हज यात्रियों को नहीं भेजा जाएगा। मंत्री के मुताबिक, आजाद भारत में यह पहली बार होगा कि भारत से लोग हज पर नहीं जाएंगे।
नकवी ने कहा कि अब तक हज-2020 के लिए 2 लाख 13 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे। सभी आवेदकों द्वारा जमा कराया गया पूरा पैसा बिना किसी कटौती के तत्काल वापस किए जाने की प्रक्रिया आज से ही शुरू कर दी गई है। यह पैसा डीबीटी के जरिए आवेदकों के खाते में भेजा जाएगा।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि करीब 2300 मुस्लिम महिलाओं ने बिना मेहरम(पुरुष रिश्तेदार) के हज पर जाने के लिए आवेदन किया था, इन महिलाओं को हज- 2021 में इसी आवेदन के आधार पर हज यात्रा पर भेजा जाएगा साथ ही अगले वर्ष भी जो महिलाएं बिना मेहरम हज यात्रा हेतु नया आवेदन करेंगी उन सभी को भी हज यात्रा पर भेजा जाएगा।
उनके अनुसार, बिना मेहरम के हज पर जाने का आवेदन करने वाली महिलाओं को छोड़कर अन्य सभी आवेदकों को अगले साल हज के लिए नए सिरे से आवेदन करने होंगे। नकवी ने कहा कि 2019 में 2 लाख भारतीय मुसलमान हज यात्रा पर गए थे, जिनमे 50 प्रतिशत महिलाएं शामिल थी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त नरेंद्र मोदी सरकार के अंतरगर्त 2018 में शुरू की गई बिना मेहरम महिलाओं को हज पर जाने की प्रक्रिया के तहत अब तक बिना मेहरम के हज पर जाने वाली महिलाओं की संख्या 3,040 हो चुकी है।