चंद्र ठाकुर। नाहन
देश और प्रदेश में कोरोना का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में मामलों में जहां लगातार बढ़ोतरी हो रही है, वहीं मौतों का ग्राफ भी लगातार बढ़ता जा रहा है। इस संकट काल में कोरोना कई जगह ऐसे लोगों को लील गया है, जिनके जाने के बाद पूरे परिवार बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं। ऐसा ही एक मामला पच्छाद विधानसभा क्षेत्र की सुरला जनोट पंचायत में भी सामने आया है। सुरला जनोट पंचायत की अनुसूचित जाति बस्ती आंजी के सतपाल का कोरोना संक्रमण के चलते गत दिनों निधन हो गया था
सतपाल की माली हालत काफी खराब थी। वह मिस्त्री का काम करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था। सतपाल के परिवार में उसकी पत्नी फूलमा देवी थी। हालांकि इन दोनों के कोई संतान नहीं थी। ऐसे में अब सतपाल के निधन के बाद फूलमा देवी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। क्योंकि वह अब अकेली रह गई है। उपर से कोई कमाने वाला नहीं है। करीब 47 वर्ष आयु की हो चुकी फूलमा देवी के लिए आगामी जीवन यापन काफी मुश्किल भरा हो गया है। हालांकि फूलमा देवी की कुछ सामाज सेवियों और लोगों ने आर्थिक मदद की है, मगर संकट काल के इस दौर में अकेली फूलमा देवी के लिए जीवन कांटो भरा हो गया है।
लोगों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से फूलमा देवी की मदद के लिए अपील भी की है। राजेंद्र ठाकुर ने जहां सोशल मीडिया के माध्यम से मदद की अपील की है, वहीं पच्छाद की विधायक रीना कश्यप को एक पत्र लिखकर महिला को सरकार की ओर से सहायता दिलवाने की मांग की है। राजेंद्र ठाकुर ने उक्त महिला की आर्थिक मदद भी की है। वहीं एक अन्य समाज सेवी विजय भंडारी ने भी महिला की मदद की है। साथ ही उन्होंने अन्य लोगों को सरकार से महिला की मदद के लिए आगे आने की अपील की है।
राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि विजय भंडारी द्वारा गत वर्ष कोविड काल में काफी सहायता की गई। वहीं मोगीनंद स्कूल गरीब और जरूरमंद बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध करवाने के लिए लाईब्रेरी के लिए भी आर्थिक मदद की। उधर, पच्छाद की विधायक रीना कश्यप ने भी महिला को सहायता करने का आश्वासन दिया है। बहरहाल, इस संकट काल में कोरोना कई जिदंगियां लील गया है। किसी ने अपने परिजन खोए हैं, तो कहीं नौजवान और मासूम भी कोविड की भेंट चढ़ गए हैं। ऐसे में लोगों को इस संकट काल में कोविड नियमों का पालन करना चाहिए।