शिमला:
कोरोना वायरस के चलते पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले विदेशी पर्यटकों की पूरी निगरानी रखने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने फॉरनर्स एक्ट-1939, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरनर्स एक्ट-1946 व रजिस्ट्रे्रशन ऑफ फॉरनर्स रूल्स-1992 के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एक्ट की धारा-14 के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं।
मरडी ने बताया कि वर्तमान में पूरे विश्व में जिस तेजी से कोरोना वायरस फैल रहा है, उसके दृष्टिगत यह अत्यंत आवश्यक है कि प्रदेश में आने वाले विदेशियों पर कड़ी नजर रखी जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है, जिससे एक तो विदेशी पर्यटकों पर निगरानी रखी जा सकेगी और उनका पूरा रिकॉर्ड की रखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि एक्ट की धारा 7(1) के अनुसार जब किसी परिसर का मालिक अपने परिसर को विदेशियों को ठहरने के लिए किराए पर देता है तो उसका कर्तव्य है कि वह इसकी सूचना प्राधिकृत अधिकारी को दे।
इस धारा का उल्लंघन करने पर एक्ट की धारा 14 के तहत परिसर मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करने का प्रावधान है और इस मामले में उसे पांच वर्ष का कारावास और जुर्माना हो सकता है। रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरनर्स रूल्स 1992 की धारा 14 से हालांकि होटल मालिकों को पुलिस समय-समय पर अवगत करवाती है, लेकिन यदि इसके बावजूद भी कोई होटल मालिक नियमों का उल्लंघन करता है तो सभी एसपी को यह निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत मामले दर्ज किए जाएं।
मछली और इसके उत्पाद कोरोना वायरस के वाहक नहीं
शिमला: राज्य सरकार ने साफ किया है कि मछली और इसके उत्पाद कोरोना वायरस के वाहक नहीं हैं। लोग इस बारे में आशंकित न हों और मछली तथा उसके उत्पाद ग्रहण करना पूर्णतया सुरक्षित है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज और मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि विभाग के संज्ञान में आया है कि मछली और इससे संबंधित उत्पादों को ग्रहण करने से कोरोना विषाणु का संक्रमण मनुष्य में फैल सकता है। इस तरह के समाचारों से मत्स्य किसानों, मत्स्य उद्योग तथा उपभोक्ताओं में डर का माहौल पैदा हो गया है।
उन्होंने कहा कि इस भ्रामक समाचार का सीधा असर मछली तथा इससे संबंधित उत्पादों के विक्रय पर पड़ सकता है, जिसका सीधा नुकसान मत्स्य उद्योग से जीवन उर्पाजन कर रहे किसानों पर पडऩे की संभावना है। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ऐसा कोई भी शोध अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ है कि मछली या इसके उत्पाद खाने से कोरोना वायरस फैलता है।
उन्होंने कहा कि उन्हें आज ही केंद्रीय मत्स्य विभाग तथा संबंधित मंत्रालय पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य से एडवाईजरी मिली है, जिसमें इस बात को सिरे से नकारा गया है कि मछली के सेवन से कोरोना वायरस फैलता है। उन्होंने प्रदेश के लोगों का आह्वान किया है कि ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और मछली व इसके उत्पादों को सामान्य स्चछता अपनाकर प्रयोग कर सकते हैं।
मनुष्य से मनुष्य में ही है कोरोना का संक्रमण
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय कोरोना विषाणु के संक्रमण से संबंधित स्थिति पर पूरे विश्व स्तर पर नजर रखे हुए हैं। अभी तक प्राप्त सूचनाओं के अनुसार इस विषाणु का संक्रमण मनुष्य से मनुष्य में ही हो सकता है। विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भी यह संक्रमण मनुष्य से मनुष्य में ही बताया गया है।
यद्यपि 2019 एनसीओवी का कोई पशु भी स्रोत हो सकता है, लेकिन विश्वभर में कहीं भी मात्स्यिकी के माध्यम से कोरोना विषाणु संक्रमण की कोई भी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। पूर्व में भी इस विषाणु के माध्यम से संक्रमण हुए उनमें कहीं भी मात्स्यिकी के माध्यम से नहीं हुआ।