शिमला:राज्य में कोरोना वायरस के संदिग्ध रोगियों की संख्या एक से बढ़कर तीन हो गई। बिलासपुर से आईजीएमसी में भर्ती 32 वर्षीय युवक दक्षिण कोरिया से लौटा है, लेकिन उसकी हालत में सुधार है। जबकि इटली से लौटी मां-बेटी को टांडा में भर्ती किया गया है। इन्हें बुखार भी है। तीनों के सैंपल वायरोलॉजी लैब दिल्ली भेजे गए हैं और कल शाम तक रिपोर्ट आने का इंतजार है।
इधर, मरीज बढऩे के बाद पूरे हिमाचल में हड़कंप की स्थिति है। आईजीएमसी में डर के मारे ही ओपीडी के मरीज अचानक कम हो गए तो सोशल मीडिया पर भी तरह तरह की सलाह सर्कुलेट हो रही हैं। संदिग्ध मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए बजट सत्र के दौरान विस में भी बुधवार को इसी मसले पर खूब हंगामा हो गया। कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष ने सुबह ही नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव का नोटिस देकर चर्चा मांगी।
लेकिन इसे ये कहते हुए विस अध्यक्ष विपिन परमार ने खारिज कर दिया कि इस मसले पर मुख्यमंत्री खुद ही वक्तव्य देने जा रहे हैं और उनके कार्यालय से पहले ही नोटिस आ गया था। इससे नाराज विपक्ष नारेबाजी करता हुआ बाहर चला गया और सीएम ने फिर अपना बयान पढ़ा। उन्होंने कहा कि अभी तक वायरस पीडि़त एक भी मरीज हिमाचल में नहीं है। जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक पैनिक होने की जरूरत नहीं है।
सरकार सभी एहतियाती कदम उठा रही है। न तो अस्पतालों में दवाओं और मास्क की कमी है, न ही ऐसी स्थिति है कि अंदेशे से ही स्कूलों या अन्य प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया जाए। उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि ऐसे मसलों पर राजनीतिक प्वाइंट स्कोर नहीं करने होतेे। सबको मिलकर इस बीमारी का मुकाबला करना है। विपक्ष के साथी खुद ही सुपर स्पेशिलिस्ट बन रहे हैं। प्रदेश में 145 लोग स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में हैं और प्रदेश से दैनिक रिपोर्ट लेकर केंद्र को भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने सदन के बाद राज्य के शीर्ष अफसरों के साथ इसी मसले पर समीक्षा बैठक भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के संदर्भ में केंद्र सरकार से जो दिशा निर्देश समय-समय पर मिल रहे हैं, राज्य सरकार उनका पूर्ण रूप से अनुपालन कर रही है।
चिन्हित अस्पतालों में आइसोलेशन वार्डों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। इन दोनों अस्पतालों में संदिग्ध मामलों की निगरानी कर उनकी जांच की जा रही है। धर्मशाला के मैकलोडग़ंज में निगरानी चौकी स्थापित की गई है। ऐसे मामलों में परिवहन के लिए तीन 108 एंबुलेंस को तैयार किया गया है, जिनमें पीपीई और एन-95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित बनाई गई है। जिला और राज्य स्तर पर क्षेत्रीय तीव्र पारगमन प्रणाली को पुन: अधिसूचित किया गया है।
यह भी सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि यात्री होटल व्यावसायियों के माध्यम से अपने बारे में जानकारी प्रदान करें और इस कार्य में उपायुक्त कार्यालयों की सहायता ली जा रही है। बाहरी देशों से आने वाले व्यक्तियों के लिए इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं और वे प्रदेश में आते ही स्वास्थ्य विभाग की चौैबीसों घंटे चलने वाली स्वास्थ्य हेल्पलाइन 104 पर संपर्क कर सकते हैं। मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव रजनीश, मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
आईजीएमसी-टांडा मेडिकल कॉलेजमें इस तरह होगी जांच
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आईजीएमसी शिमला अथवा टांडा मेडिकल कॉलेज में उन लोगों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी, जिन्होंने पिछले 14 दिनों या 15 जनवरी 2020 के बाद चीन के वुहान शहर का दौरा किया है। इसके अतिरिक्त 10 फरवरी 2020 के बाद चीन के अलावा कोविड 19 प्रभावित 12 देशों का दौरा करने वाले उन लोगों की भी स्वास्थ्य जांच होगी, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं। तीन और अस्पतालों में अलग आईसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं।
चर्चा से भागी सरकार, क्योंकि कोई तैयारी नहीं : मुकेश
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रति सरकार गंभीर नहीं है। इस मसले से ज्यादा क्या विषय हो सकता है, जिस पर सदन में चर्चा होती। लेकिन ये सरकार चर्चा से भाग रही है। सरकार की कोई तैयारी नहीं है। मास्क तक अस्पतालों में नहीं मिल रहे हैं। ये अंतरराष्ट्रीय मसला है। हमारे यहां हब है फॉर्मा का। सारा साल्ट चीन से आ रहा है। आज की डेट में हाल खराब है। पर्यटन स्टेट है, लेकिन डॉक्टरों और इलाज को लेकर कोई जानकारी साफ नहीं है और सरकार चर्चा भी नहीं कर सकती।