चंद्रमोहन / राजीव भनोट। ऊना
स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व और सफाई कर्मियों के बाद ऊना जिला में अब अध्यापकों का नाम भी बतौर कोरोना योद्धा लिया जाएगा। जिला प्रशासन ने ट्रायल के आधार पर अध्यापकों को ऊना उपमंडल में प्रवेश द्वारों, क्वारंटीन सेंटर्स और रेलवे स्टेशन पर बाहरी राज्यों से आने वालों को सेवाएं प्रदान करने का जिम्मा सौंपा है।
इससे पहले राजस्व विभाग के कर्मी ये सेवाएं निभा रहे थे, लेकिन अब राजस्व विभाग से जुड़े काम शुरू होने के बाद शिक्षकों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है। देश सेवा में मिली इस जिम्मेदारी के लिए अध्यापक भी उत्साहित हैं और खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मंगलवार से 50 अध्यापकों ने प्रशासन द्वारा बताए गए स्थानों पर अपनी सेवाएं शुरू भी कर दी हैं।
जिला प्रशासन द्वारा अध्यापकों को बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की डाटा एंट्री के साथ-साथ क्वारंटीन सेंटर्स और प्रवेश द्वारों पर बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखने की जिम्मेदारी सौंपी है।
डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा कि अध्यापकों ने स्वयं इस कोरोनाकाल में सेवाएं देने का प्रस्ताव दिया था जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। डीसी ऊना ने कहा कि अध्यापकों की इन सेवाओं को जिला ऊना के लोग सदैव याद रखेंगे।