गिरीपार के लोगों में अपने विधायकों और नेताओं के प्रति काफी गुस्सा
हिमाचल दस्तक, धीरज चोपड़ा। पांवटा साहिब
पांवटा साहिब-शिलाई नेशनल हाईवे कच्ची ढांग के पास धंसने के कारण बंद होने के 7 दिन बाद भी बहाल नहीं हो पाया है। नेशनल हाईवे ने सड़क को बहाल करने के लिए एक बड़ी मशीनें एक जेसीबी व दो डोजर लगाया हुआ है। लेकिन अभी भी सड़क को यातायात के लिये बहाल करने के लिए तीन से चार दिन लग सकतें है। प्रशासन ने वैकल्पिक सड़कें खोली है, जिसमें छोटी गाडिय़ां व बसों का चलना शुरु हुआ है।
सात दिन पहले पांवटा साहिब-शिलाई नेशनल हाईवे रविवार को सतौन के नजदीक कच्ची ढांग के पास पहाडी धंसने से बंद हो गया था। जिसके बाद लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नेशनल हाईवे के निर्माण कार्यक्रम में धीमी गति से क्षेत्र के लोग खासे नाराज है और क्षेत्र के नेताओं को कोस रहें है। शनिवार को बसों के लिए गिरि नदी के रास्ते खोला गया वैकल्पिक मार्ग नदी में पाइप दबाकर सड़क को बसों के लिए बहाल कर दिया है। मुख्य सड़क को खोलने के लिए नेशनल हाईवे ने मशीनें लगाई हुई है, लेकिन सड़क को खोलने के लिए तीन से चार दिन लग सकते है। सड़क बंद होने के कारण चूना पत्थर मंडी सतौन में सैकड़ों ट्रक खड़े है जिससे प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है।
उधर नेशनल हाईवे कफोटा के सहायक अभियंता संजीव अग्रवाल ने बताया की सड़क को खोलने के लिए तीन चार मशीनें लगी हुई है और सड़क बहाल करने के लिए तीन दिन लग सकतें है। इस दौरान गिरीपार के लोगों में अपने विधायकों और नेताओं के प्रति काफी गुस्सा देखने को मिला है कुछ लोगों ने कहा कि कुत्ते-बिल्ली के मरने पर पहुंचने वाले नेता अब लाखों लोगों के मुसीबत में फंसने पर कहां रह गए है।
सतौन-पांवटा मार्ग धंसने से तकरीबन 70 पंचायतों के लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं और रोजमर्रा की जरूरी चीजों के लिए उन्हें जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। नेशनल हाईवे धंसने के बाद लोगों ने आरोप लगाए कि विधायक शिलाई हर्षवर्धन चौहान, विधायक विनय कुमार और चौधरी सुखराम मौके पर लोगों का कुशलक्षेम पूछने नही पहुंचे जिसके कारण लोग नाराज है।
इस बारे में सुरजीत, प्रदीप, सुनील, दीप, इंद्र राणा, चंद्र, कुशल ने कहा कि कोई भी विधायक या नेता झूठ को भी यहां मुसीबत में फंसे लोगों को मिलने नही आया और ना ही प्रभावितों की मदद के लिए कोई आवाज उठाई गई ।इन दिनों सोशल मीडिया पर विधायकों की काफी फजीहत देखने को मिल रही है। गिरीपार के लोगों के लिए बड़ी-बड़ी डींगे हांकने वाले नेताओं ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया। इसका जवाब जल्दी ही मौका आने पर दिया जाएगा। लोगों में चाहे कांग्रेस हो या भाजपा दोनों के प्रति इतनी ज्यादा नाराजगी देखी जा रही है कि वह नेताओं को अपने क्षेत्र में घुसने पर काले झंडे दिखाने तक की बात कह रहे हैं।
शिलाई, श्री रेणुका जी और पांवटा विधानसभा क्षेत्रों की 70 से अधिक पंचायतों के लोग राजमार्ग धसंने से पिछले 4 दिनों से मुसीबत में फंसे हुए हैं। शिलाई, पांवटा, रेणुका के नेताओ ने यहाँ के लोगों के लिए मदद तो छोडिए यहां आकर हाल चाल पूछने की भी जहमत नहीं उठाई। हालांकि 9 तारीख को वैकल्पिक रास्ता स्थानीय प्रशासन की कड़ी मेहनत के बाद छोटी गाडिय़ों के लिए खुल पाया लेकिन वह भी वैकल्पिक है, और बेहद जोखिम भरा है। वहीं कुछ लोग यह कहते हुए भी मिले की कुछ समय बाद आम पब्लिक विधायकों और नेताओं की चिकनी चुपड़ी बातों में आकर मुसीबत के दिनों को भूल जाएगी और यही इस मामले में भी होने वाला है।
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