जयप्रकाश। संगड़ाह
समुद्र तल से 11,987 फुट ऊंची सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाली चुड़धार पर्वत श्रृंखला प्रदेश का पहला पर्वतीय संस्थान बनने जा रही है। इसके लिए एक ग्लोबल कंपनी ने हिमाचल सरकार के साथ 100 करोड़ का एमओयू साइन कर लिया है इससे क्षेत्र में खुशी की लहर है। प्रदेश सरकार के साथ सिक्स सिंगमा हेल्थकेयर संस्थान के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो गए है। इस संस्थान द्वारा इस क्षेत्र में मुख्य तौर पर एक ऐसा रिसर्च सेंटर तैयार किया जाएगा जिससे ऊंचे पहाड़ों पर यात्रा के दौरान बचाव कार्य मे मदद मिलेगी। साथ ही चूड़धार की श्रृंखला में आयुर्वेदिक औषधीय जड़ी बूटियों, दवाइयों आदि पर खोज किए जाएंगे।
यह हिमाचल का मुख्य बेस कैंप होगा। जहां चिकित्सक, फार्मासिस्ट फिजियोथेरेपी व तरह तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु प्रशिक्षण देकर कर प्रशिक्षित किया जाएगा। आवश्यकता पडने पर यहां से हिमाचल की ऊंची श्रृंखलाओं को आपातकाल स्थिति में टीम भेजी जाएगी। जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में पर्वतारोहियों , यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होगी। हिमाचल के ऊंचे पर्वतों पर कई हादसे होते है जिसमें चुडधार की यात्रा के दौरान भी कई हादसे हो चुके है।
इस संस्थान खुलने से ऐसे हादसों को कम करने में मदद मिलेगी। सिक्स सिंगमा हेल्थकेयर के बोर्ड सदस्य मेजर जनरल अतुल कोशिश से जब इस बारे बात की गई तो उन्होंने विस्तार से बताया कि, चूड़धार में प्रदेश का व एशिया का पहला पर्वतीय संस्थान बनेंगा और चूड़धार क्षेत्र में जमीन तलाश करके स्ट्रक्चर बनाया जाएगा। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य रिसर्च सेंटर का रहेगा। जिसमें मुख्यता आयुर्वेदिक औषधीय जड़ी बूटियों आदि पर रिसर्च वर्क का कार्य होगा।
इसके साथ साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान होंगे। उन्होंने बताया कि जिला सोलन के बद्दी, शिमला के छराबड़ा में भी सिक्स सिंगमा हेल्थकेयर सेंटर की तरह यहां पर भी सेंटर को स्थापित किया जाएगा मगर यह सेंटर बड़ा होगा। जिसमें हिमाचल के 11 हजार से अधिक ऊंचाई वाले स्थलों पर पर्वतारोही, यात्रियों की स्वास्थ्य सुविधाएं बचाव कार्य आदि के लिए अलग अलग टीमें प्रशिक्षण देकर आपात सेवाओं के लिए तैयार की जाएगी। साथ ही अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एलोपैथी, युरोपैथी, होम्योपैथि, आयुर्वेद आदि सभी तरह के शोध विकसित करना और पर्वतीय चिकित्सा क्षेत्र में विशेषज्ञों को शिक्षित करके तैयार रहने आदि मुख्य उद्देश्य हैं। इसके लिए सरकार गंभीर है।