नई दिल्ली:
एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि संग्रहालय विज्ञान और पुरातत्व विज्ञान की विधाओं में अच्छी तरह प्रशिक्षित संसाधनों को विकसित करने के लिए देश का पहला भारतीय धरोहर और संरक्षण संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।
सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि इस संस्थान का दर्जा मानद विश्वविद्यालय का होगा और यह संस्कृति मंत्रालय के अधीन परिचालित होगा।
सीतारमण ने कहा, बजट में भारत को अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों ही तरह के पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने की खातिर पर्यटन क्षेत्र के लिए 2020-21 में 2500 करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री ने संस्कृति मंत्रालय के लिए 3150 करोड़ रुपए के आवंटन का भी प्रस्ताव किया है। पर्यटन को प्रोत्साहित करने के एक प्रमुख प्रयास के रूप में बजट में आठ नए संग्रहालयों की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है।
इनमें पांच प्रमुख पर्यटन स्थलों के आस-पास बुनियादी ढांचे का विकास भी शामिल है। इसके अलावा भारत के विभिन्न भागों में स्थित पांच प्रमुख संग्रहालयों के कायाकल्प का भी प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी द्वारा जनवरी 2020 में कोलकता में की गई घोषणा के अनुसार भारतीय संग्रहालय का पुनरुद्धार करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके साथ ही ऐतिहासिक पुराने टकसाल भवन में मुद्रा-विषयक और व्यापार पर एक संग्रहालय स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि झारखंड के रांची में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना में मदद की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि पांच पुरातत्व स्थलों को स्थानिक संग्रहालय वाले प्रतिमान स्थलों के रूप में स्थापिताविकसित किया जाएगा जिनमें राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धौलाविरा (गुजरात), आदिचनल्लूर (तमिलनाडु) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा लोथल, अहमदाबाद में हड़प्पा युग पर प्रकाश डालने के लिए एक पोत संग्रहालय स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही पूरे देश में चार और संग्रहालयों का नवीकरण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि संग्रहालय विज्ञान और पुरातत्व विज्ञान जैसी विधाओं में ज्ञान अर्जित करना निष्कर्षों की वैज्ञानिक प्रमाणिता जुटाने, विश्लेषण करने और उच्च स्तरीय संग्रहालयों के माध्यम से उनका प्रचार और प्रसार करने के लिए आवश्यक है। अच्छे रैंक के लिए बेहतर पर्यटन राजस्व के बारे में प्रकाश डालते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि भारत का वर्ष 2014 में यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धी सूचकांक (विश्व आर्थिक मंच) में 65वां स्थान था जो 2019 में 34वें पायदान पर पहुंच गया है।
विकास और रोजगार सृजन के लिए इस प्रस्तावित योजना में राज्यों की भूमिका को मान्यता देते हुए सीतारमण ने कहा कि पर्यटन में वृद्धि का विकास और रोजगार से सीधा संबंध है। राज्यों को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि राज्य सरकारें कुछ चिन्हित स्थलों के लिए एक योजना तैयार करेंगी और 2020-21 के दौरान वित्तीय योजना भी तैयार करेंगी जिसके तहत 2020-21 में राज्यों को विशिष्ट अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।