नई दिल्ली: भारत में दिल्ली समेत कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में चिकित्सकीय सुविधाओं के गंभीर अभाव के बीच कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 3,49,691 नए मामले सामने आए तथा 2,767 और लोगों की मौत हो गई।
इसी बीच, केंद्र सरकार ने तरल ऑक्सीजन के गैर चिकित्सकीय उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी और उत्पादन इकाइयों को उत्पादन बढ़ाने और चिकित्सा इस्तेमाल के लिए इसे सरकार को उपलब्ध कराने को कहा। सरकार ने कहा कि 551 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने आपदा प्रबंधन कानून में निहित अधिकार का प्रयोग करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि तरल ऑक्सीजन का इस्तेमाल गैर चिकित्सा उद्देश्य के लिए नहीं किया जाए और सभी उत्पादन इकाइयां तरल ऑक्सीजन उत्पादन की अधिकतम क्षमता का प्रयोग करे एवं उसे सरकारों को चिकित्सा उपयोग के लिए उपलब्ध कराएं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया और अगले आदेश तक जारी रहेगा।
भल्ला ने निर्देश दिया कि तरल ऑक्सीजन के भंडार को तत्काल चिकित्सा उपयोग के लिए सरकार को मुहैया कराया जाए और किसी भी उद्योग को इस संबंध में छूट नहीं होगी। अस्पतालों में ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के मद्देनजर प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (पीएम केयर्स) से देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य केंद्रों में 551 पीएसए (प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन) चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में रविवार को कहा कि पीएम केयर्स कोष ने इन संयंत्रों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री ने इन संयंत्रों को जल्द से जल्द क्रियान्वित करने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना की पहली लहर का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के बाद देश आत्मविश्वास से भरा हुआ था, लेकिन इसकी ताजा लहर के तूफान ने देश को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि उन्होंने जल्द ही देश के इस आपदा से बाहर निकलने की उम्मीद जताई।
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 76वीं कड़ी को प्रधानमंत्री ने पूरी तरह कोरोना महामारी पर केंद्रित रखा और कहा कि आज सबसे बड़ी प्राथमिकता इस बीमारी को हराना है और इसके लिए देशवासियों को सकारात्मक भाव बनाए रखना है तथा विशेषज्ञों और वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देना है। मोदी ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में राज्य सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाने में केंद्र सरकार पूरी शक्ति से जुटी हुई है और राज्यों की सरकारें भी अपना दायित्व निभाने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में लागू लॉकडाउन को एक और हफ्ते के लिए बढ़ाने का ऐलान रविवार को करते हुए कहा कि दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति गंभीर बनी हुई है और बीते कुछ दिनों में संक्रमण दर 36 प्रतिशत के उच्चतर स्तर पर पहुंच गई है। केजरीवाल ने कहा कि 19 अप्रैल की रात को लगाया गया लॉकडाउन तीन मई सुबह पांच बजे तक जारी रहेगा।
राष्ट्रीय राजधानी में पहले लॉकडाउन को 26 अप्रैल की सुबह पांच बजे खत्म होना था। उन्होंने कहा, हमें कुछ और दिन स्थिति देखनी होगी कि मामले घटते हैं या बढ़ते हैं। शहर के अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं और दो अस्पतालों में पिछले कुछ दिनों में 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
केजरीवाल ने जीवन रक्षक गैस की किल्लत के बीच रविवार को देश के प्रमुख उद्योगपतियों से दिल्ली के लिए ऑक्सीजन एवं क्रायोजेनिक टैंकर उपलब्ध कराकर सहायता करने का अनुरोध किया है जो गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मरीजों के लिए आवश्यक है। हरियाणा में रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल में कथित तौर पर मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के चलते चार मरीजों की मौत हो गई। जिला प्रशासन ने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जांच भी शुरू की है।
इस बीच, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने बताया कि कुल 70 टन ऑक्सीजन के चार टैंकर को लेकर पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस रविवार रात को रायगढ़ के जिंदल इस्पात संयंत्र से रवाना होगी और सोमवार रात को दिल्ली पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि रेलवे ने अंगुल, कलिंगनगर, राउरकेला और रायगढ़ से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ऑक्सीजन पहुंचाने की योजना बना ली है।
शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार को सलाह दी गई है कि वह ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए रोड टैंकर तैयार रखे। ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए शनिवार को ऐसी दो ट्रेन उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र पहुंची थी और ऐसी अन्य ट्रेन भी पहुचेंगी। रेलवे ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी ऑक्सीजन पहुंचाने का मार्ग तैयार किया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर अपील की कि राज्य का चिकित्सीय ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाया जाए।
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 3,49,691 नए मामले आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,69,60,172 पर पहुंच गए और उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26 लाख के पार चली गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान संक्रमण के कारण 2,767 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 1,92,311 पर पहुंच गई है।
संक्रमण के मामले बढऩे का सिलसिला थम नहीं रहा है और देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26,82,751 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 15.82 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर गिरकर 83.05 प्रतिशत रह गई है।
आंकड़ों के अनुसार, इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,40,85,110 हो गई है जबकि मृत्यु दर गिरकर 1.13 प्रतिशत रह गई है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक 25 अप्रैल तक 27,79,18,810 नमूनों की जांच की जा चुकी है जिनमें से 17,19,588 नमूनों की जांच शनिवार को की गई।
हिमाचल प्रदेश में रविवार को रिकॉर्ड 32 लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 1,323 हो गई और संक्रमण के 1,363 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 87,501 हो गई।
पंजाब में रविवार को संक्रमण से 76 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या 8,432 हो गई और संक्रमण के रिकॉर्ड 7,014 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 3,39,090 हो गई।
पश्चिम बंगाल में रविवार को संक्रमण से 57 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या 10,941 हो गई और संक्रमण के रिकॉर्ड 15,889 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 7,43,950 हो गई। महाराष्ट्र में रविवार को संक्रमण के 66,191 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 42,95,027 हो गई, जबकि 832 और लोगों की मौत बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 64,760 हो गई।
इस बीच, हरियाणा में रविवार को संक्रमण से रिकॉर्ड 64 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या 3,767 हो गई और संक्रमण के रिकॉर्ड 10,985 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 4,24,319 हो गई।
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 22,923 नए मामले सामने आए तथा 350 और मरीजों की मौत हो गई। दिल्ली में संक्रमण की दर 30.21 फीसदी रही।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के सराय काले खां इलाके में श्मशान घाट के क्षेत्र को बढ़ाया गया है। उत्तर प्रदेश में भी हालात खराब है।
भैरोघाट विद्युत शवदाह गृह में कानपुर नगर निगम का कर्मचारी कमरुद्दीन ने कहा, दाह संस्कार के लिए लाए जाने वाले शवों की संख्या पिछले सप्ताह कई गुणा बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बाद रविवार को कमी दर्ज की गई। राज्य में पिछले 24 घंटे में महामारी के 35,614 नए मामले सामने आए तथा इस बीमारी से 208 और लोगों ने दम तोड़ दिया।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि पिछले 24 घंटे में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के 35,614 नए मामले सामने आए जिससे महामारी के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 10,86,625 हो गई। उन्होंने कहा कि महामारी से 208 और लोगों की मौत होने के बाद राज्य में अब तक कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 11,165 हो गई है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर संक्रमण एवं मौत संबंधी आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया।
महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा और राजस्थान ने सभी का नि:शुल्क टीकाकरण कराने की घोषणा की, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित चार राज्यों ने केन्द्र पर टीका निर्माताओं से मिले टीकों के भंडार पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए इस बात पर संदेह जताया कि वे एक मई से 18-45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण की शुरुआत कर पाएंगे। उन्होंने केन्द्र पर उनके साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया और सभी व्यस्कों को मुफ्त में टीके की खुराकें मुहैया कराने का अनुरोध किया।
छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और झारखंड (कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन द्वारा शासित राज्य) के स्वास्थ्य मंत्रियों ने संयुक्त वीडियो प्रेस कांफ्रेंस करते हुए पूछा कि जब केन्द्र पहले ही स्टॉक पर कब्जा कर चुका है और उनके पास खुराकें उपलब्ध नहीं तो वे सभी व्यस्कों को टीके कैसे लगाएंगे।
उत्तर प्रदेश, असम, बिहार, तेलंगाना और मध्य प्रदेश ने भी नि:शुल्क टीका लगाए जाने की घोषणा की है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि प्रत्एक निजी टीकाकरण केंद्र को एक मई से आरंभ हो रहे टीकाकरण अभियान के मद्देनजर कोविन पोर्टल पर टीकों के प्रकार, उनकी कीमतें और उपलब्ध टीकों की संख्या के बारे में जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।
एक दिन में देश में सामने आ रहे मामलों में से 74.53 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत 10 राज्यों में दर्ज किए जा रहे हैं।
बांग्लादेश ने भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देजनर देश के साथ लगती अपनी सीमाओं को सोमवार से दो सप्ताह के लिए बंद करने का फैसला किया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमीन ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि भूमि मार्ग के जरिए भारत से बांग्लादेश आने पर सोमवार से 14 दिन का प्रतिबंध रहेगा। ईरान, कुवैत, यूएई, ब्रिटेन और कनाडा जैसे कई देशों ने भारत से हवाई सेवा पर रोक लगा दी।
इस बीच ब्रिटेन, जर्मनी, अफगानिस्तान, यूरोपीय संघ और फ्रांस समेत कई देशों ने कोविड-19 से निपटने में भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त की और मदद करने की इच्छा जताई।