अस्पताल में खाली पदों तथा 3 माह से 108 एंबुलेंस बंद होने से लोग चिंतित
जय प्रकाश। संगड़ाह
उपमंडल मुख्यालय पर मौजूद संगड़ाह अस्पताल में क्षेत्र में कोरोना विस्फोट की स्थिति के बावजूद लोगों को मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।
आलम यह है कि यहां हर रोज कोविड टेस्ट तक नहीं हो पा रहे हैं, जिसका कारण विभाग स्टाफ की कमी बता रहा है। संगड़ाह अस्पताल में इन दिनों मात्र 2 डॉक्टर होने के चलते जहां मौजूद चिकित्सकों को 8 घंटे की वजाय 12 घंटे ड्यूटी करनी पड़ रही है, वहीं लैब टेक्नीशियन भी केवल दो होने के चलते बीएमओ के अनुसार हर रोज रोज अथवा छुट्टी के दिन कोविड सैंपल नहीं हो पा रहे हैं।
सीएचसी संगड़ाह में जहां 3 माह से 108 एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है, वहीं पिछले करीब 3 साल से एक्स-रे सुविधा भी बंद है। इलाके में इस माह कोरोना पॉजिटिविटी दर 50 के करीब रही जो कि हिमाचल तथा राजधानी दिल्ली की औसत दर से कहीं ज्यादा है।
देश के बड़े शहरों में जहां ऑक्सीजन, रेमडिसिविर इंजेक्शन व वेंटीलेटर जैसी स्वास्थय सुविधाओं की कमी मीडिया, अदालतें व विपक्षी दल गंभीर मुद्दा मान रहे हैं, वहीं करीब 90 हजार की आबादी वाले स्वास्थ्य खंड संगड़ाह के लिए कल्याणकारी सरकार व प्रशासन द्वारा केवल एक ऑक्सीजन बेड तथा छह सिलेंडर जानकारी के मुताबिक उपलब्ध करवाए गए हैं।
वीरवार को जहां स्वास्थ्य खंड संगड़ाह में हुए 31 में से 15 रेट सैंपल पॉजिटिव पाए गए, वहीं अकेले कैल गांव में 29 लोगों की आरटीपीसीआर सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। शुक्रवार को सीएचसी संगड़ाह मे कोविड सैंपल करवाने पहुंचे अरुण कुमार, लाल सिंह, राजेंद्र, पंकज व सुनील आदि ने बताया कि मौजूद स्टाफ नर्स द्वारा उन्हें शनिवार को आने को कहा। क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों ने यहां मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं न होने के लिए प्रदेश सरकार की निंदा की।
कार्यवाहक बीएमओ संगड़ाह डॉ. कृष्णा भटनागर ने बताया कि संगड़ाह सीएचसी में केवल दो लैब टेक्नीशियन होने के चलते छुट्टी वाले दिन अथवा आज यहां कोविड सैंपल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि वह खाली पदों का मुद्दे को लेकर उच्च अधिकारियों से बात कर चुके हैं। एसडीएम संगड़ाह डॉ. विक्रम नेगी ने बताया कि क्षेत्र के कोविड मरीजों के लिए एक निजी गाड़ी हायर कर वैकल्पिक एंबुलेंस की व्यवस्था की जा चुकी है।