नई दिल्ली : पर्यटन मंत्रालय की दस्तकारी हाट समिति और 20 अन्य सांस्कृतिक संगठनों की ऑनलाइन परियोजना क्राफ्टेड इन इंडिया की शुरुआत सोमवार को यहां की गई।
इसमें केरल के पय्यनूर की बैल मेटल क्राफ्ट, गुजरात की सदियों पुरानी माता नी पचेरी कला और भारत की कई अन्य शिल्पकलाओं को गूगल के कला और संस्कृति प्लेटफॉर्म के तहत एक साथ लाया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य देश की समृद्ध हस्तशिल्प परंपराओं का प्रदर्शन करना और इसे दुनिया के सामने लाना है। इसमें कढ़ाई, भित्ति चित्र, पाषाण चित्र से लेकर लकडय़िों पर नक्काशी और अन्य हस्तशिल्प शामिल हैं।
पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने इस परियोजना की शुरुआत के मौके पर कहा कि यह दुनिया के लोगों को भारत के बारे में जानने के लिए आमंत्रित करेगी। उन्होंने कहा, शिल्प न केवल भारत की अर्थव्यवस्था का केंद्रीय हिस्सा हैं, बल्कि भारत की समृद्ध धरोहर और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा भी हैं। हर भारतीय को 2022 से पहले देश में 15 जगहों पर जाने के प्रधानमंत्री के आह्वान को ध्यान में रखते हुए हम क्राफ्टेड इन इंडिया के लिए गूगल के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं।
इस परियोजना में 18वीं सदी में टीपू सुल्तान की अवधारणा पर आधारित लकड़ी के चन्नापटना खिलौनों की कहानी, परंपरागत छाऊ नृत्य कलाकारों द्वारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले छाऊ नकाब और 500 साल पुरानी कश्मीरी सोजनी कढ़ाई समेत विविध शिल्पकलाओं की जानकारी शामिल हैं। गूगल आर्ट्स एंड कल्चर के वरिष्ठ निदेशक अमित सूद ने कहा, मुझे विश्वास है कि भारत समेत दुनियाभर के लोग इस मंच पर प्रस्तुत शिल्पों के बारे में जानकर हतप्रभ रह जाएंगे।