- केंद्रीय चुनाव आयोग ने लागू किया नया नियम
- नामांकन के 72 घंटों के भीतर उम्मीदवार को देनी होगी पूरी जानकारी
- राजनीतिक दल भी इस नई शर्त के दायरे में आएंगे
शकील कुरैशी। शिमला:
प्रदेश में उपचुनाव के समय एक नया रोचक पहलू सामने आया है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने एक नया नियम बनाया है, जिसके दायरे में राजनीतिक दल और वे सभी लोग आएंगे जो नामांकन पत्र भरते हैं। फिलहाल हिमाचल में जो लोग चुनाव लडऩे के लिए नामांकन भर चुके हैं, उनमें से कोई भी आपराधिक छवि का नहीं है। किसी पर भी आपराधिक मामला नहीं है। यदि होता तो उनको आम जनता को इसके बारे में खुद सूचित करना पड़ता। यह दिलचस्प इसलिए है क्योंकि चुनाव आयोग ने यह नियम बनाया है कि जिस कैंडिडेट के ऊपर आपराधिक मामला दर्ज हो उसे जनता को इसके बारे में सूचित करना होगा।नियम यह है कि नामांकन भरने के 72 घंटे के बीच उस कैंडिडेट को या उसके राजनीतिक दल को विज्ञापन देना होगा और बताना होगा कि उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है। यह मामला क्यों दर्ज किया गया है, यह भी बताना होगा।
इतना ही नहीं राजनीतिक दल यदि इस तरह की पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाता है तो उसे भी विज्ञापन देकर यह बताना होगा कि आखिर उसने क्यों उस व्यक्ति को टिकट दिया। आखिर उसे प्रत्याशी बनाने का कारण क्या था। इसे जस्टिफाई करना होगा ताकि मतदाता को पता हो कि वह किस तरह के व्यक्ति को वोट देने जा रहा है। ऐसा विज्ञापन एक बार नहीं बल्कि तीन बार उसे नामांकन के 72 घंटों के भीतर विज्ञापित करना ही होगा। इस नए नियम को पहली बार लागू किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव हो रहे हैं इसलिए यह भी इस नियम के दायरे में आता है। परंतु अभी तक यहां पर नामांकन भरने के बाद किसी भी प्रत्याशी ने ऐसा नहीं किया है और न ही चुनाव आयोग की तरफ से किसी पर कोई अंगुली अब तक उठाई गई है। इनके द्वारा जो शपथ पत्र दिए गए हैं, उनको पोर्टल पर डालकर सार्वजनिक किया गया है ताकि मतदाता अपने प्रत्याशी के बारे में जान सकें।
हिमाचल प्रदेश में अमूमन ऐसे कम ही नेता हैं जिनके ऊपर आपराधिक मामले हैं। परंतु भविष्य में इन लोगों को चुनाव लडऩे से पहले जनता को बताना होगा कि उन पर केस दर्ज हुआ है और क्यों हुआ है। इसका ख्याल अब प्रदेश के राजनीतिक दलों को भी रखना होगा ताकि वे इस तरह के व्यक्ति को टिकट न दें। टिकट देंगे तो उनको भी मतदाता को बताना होगा कि उन्होंने टिकट आखिर किस कारण दिया है। इस नियम से एक पारदर्शिता राजनीतिक पटल पर भी आएगी जिसकी काफी ज्यादा कमी रहती थी।
नामांकन के ७२ घंटे के भीतर आपराधिक रिकॉर्ड वाले कैंडिडेट को जनता के सामने इसका खुलासा करना होगा। इसे अनिवार्य कर दिया गया है। राजनीतिक दलों को भी इसके बारे में सूचित करना होगा। इस नए नियम को लागू कर दिया गया है।
– सी.पाल रासू, मुख्य निर्वाचन अधिकारी