वरिष्ठ संवाददाता। शिमला
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अप्रैल 2023 से पहली से बारहवीं तक के छात्रों की पढ़ाई में बदलाव होगा। एनसीईआरटी की नई किताबों से छात्रों की पढ़ाई होगी। प्रदेश सरकार एससीईआरटी के माध्यम से अगले साल 30 अप्रैल तक एनसीईआरटी को स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क का मसौदा भेज देंगे। वहीं अगस्त 2022 तक नया सिलेबस तैयार कर दिया जाएगा तथा अप्रैल 2023 तक नई पाठ्य पुस्तकें छात्रों को प्राप्त हो जाएंगी। नए पाठ्यक्रम के लिए स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए एससीईआरटी और डाइट्स मिलकर योजना तैयार कर इसे समय से पूर्व करेंगे।
प्रदेश में एससीईआरटी द्वारा इस संदर्भ में टीम का गठन कर दिया गया है। वहीं करिकुलम फ्रेमवर्क टास्क फोर्स की एक दिन की कार्यशाला एससीईआरटी द्वारा आगामी सप्ताह आयोजित की जाएगी। बता दें कि स्कूल शिक्षा बोर्ड से एफिलेटिड स्कूलों में 3 साल बाद छात्रों के सिलेबस में बदलाव हो रहा है। सिलेबस में इस तरह से बदलाव किया जा रहा है ताकि छात्रों की शिक्षा में गुणवत्ता आ सके।
सोमवार को सचिवालय में शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षा नीति की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्कूलों में नियुक्त होने वाले शिक्षकों के लिए भी नियम तय किए जाएंगे। सरकारी स्कूलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षक तैयार किए जाएंगे, जिसमें शिक्षकों का प्रशिक्षण जैसे इंटीग्रेटेड बीएड शुरू करना, उच्च शिक्षा में नियुक्ति के लिए प्रशासनिक एवं टेक्निकल सुधार करने पर फोकस होगा।
इंडियन नॉलेज सिस्टम पर कार्य
नई शिक्षा नीति के तहत सरकारी स्कूलों में छात्रों को इंडियन नॉलेज सिस्टम को वरियता प्रदान की जाएगी। इसके तहत सरकार ने आदेश दिए हैं कि विषयों के विशेषज्ञों को चिन्हित कर उनकी सूची एससीईआरटी द्वारा एक माह के भीतर तैयार कर दी जाएगी।
आंगनबाड़ी व प्राइमरी शिक्षकों की ट्रेनिंग
बता दें कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत आंगनबाड़ी वर्कर्स और प्राथमिक शिक्षकों का प्रशिक्षण होगा। 70:30 अनुपात एनटीटी-ईसीसी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए अर्ली चाइल्डहुड केयर से संबंधित पॉजिशन पेपर भी प्रदेश द्वारा एससीईआरटी के माध्यम से एनसीईआरटी को भेजेगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर प्राइमरी व आंगनबाड़ी वर्कर को प्रशिक्षित करने का प्लान है।