राजीव भनोट/सुशील शर्मा। चिंतपूर्णी
धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं को ऑनलाइन प्रसाद भेजने की प्रक्रिया जारी कर दी गई है। एसडीएम तारुल रवीश ने पुष्टि करते हुए बताया कि कोरोना वायरस के चलते श्रद्धालु चिंतपूर्णी मंदिर नहीं पहुंच रहे हैं, ऐसे में उन्हें दर्शन करने की सुविधा यू-ट्यूब पर दी गई है। जो श्रद्धालु माता चिंतपूर्णी के दरबार से प्रसाद की डिमांड करता है, तो प्रशासन उसे घर पर ही ऑनलाइन प्रसाद पहुंचाने की व्यवस्था करेगा।
एसडीएम ने बताया कि श्रद्धालु को प्रसाद लेने के लिए चिंतपूर्णी ऑर्डर देना होगा। प्रशासन 101 रुपये से लेकर 11 सौ रुपये तक का प्रसाद श्रद्धालुओं को पोस्ट ऑफिस से भेजने की व्यवस्था करेगा।
चिंतपूर्णी के प्रसाद विक्रेताओं ने किया विरोध
मंदिर प्रशासन ने प्रसाद ऑनलाइन भेजने की व्यवस्था तो कर दी है, लेकिन चिंतपूर्णी के प्रसाद विक्रेताओं ने इस प्रथा का विरोध किया है। चिंतपूर्णी व्यापार मंडल के प्रधान वासदेव रतन चंद, उमेश शर्मा, अरुण शर्मा, रमेश कालिया, निरंजन कालिया, विनोद कुमार, महेश कुमार व अन्य प्रसाद विक्रेताओं ने कहा कि जिला प्रशासन की इस प्रथा से भविष्य में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय दुकानदारों का कारोबार समाप्त हो जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस प्रथा को शुरू करने से कई दुकानदारों के परिवारों का पालन-पोषण करना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में सरकार व प्रशासन को चिंतपूर्णी व्यापार मंडल तथा प्रसाद विक्रेताओं से विचार-विमर्श कर इस प्रथा को अमलीजामा पहनाना चाहिए।
रमेश कालिया ने कहा कि प्रसाद की दुकानों पर सैकड़ों कर्मचारियों की रोजी-रोटी भी संकट में पड़ जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन से इस प्रथा पर पुनर्विचार करने की मांग भी की है।