अमित सूद। जोगिंद्रनगर
एक तरफ कोरोना महामारी के प्रकोप से पहले ही लोग सहमे हुए हैं, दूसरी तरफ इस संकट की घड़ी में कई बच्चे अनाथ हो चुके हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला विकास खंड चौंतड़ा के अंतर्गत ग्राम पंचायत मटरू के बजराला गांव में। यहां 2 लड़कियों ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
बताते चलें कि इन लड़कियों की माता का पहले ही देहांत चुका है और अब पिता का साया भी सिर से उठ गया। परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है।
अब सिर्फ घर में दोनों लड़कियों को संभालने के लिए उनके बूढ़े दादा गोविंद राम रह गए हैं, जिनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक हो चुकी है। जानकारी के अनुसार रवि कुमार पिछले 5 महीनों से बीमार चल रहे थे और आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह अपने पीछे दो बेटियों व अपने बुजुर्ग पिता को छोड़ गए हैं।
बेटियों की उम्र 15 और 17 वर्ष है। अब बूढ़े गोविंद राम को परिवार के जीवनयापन व बच्चियों की पढ़ाई-लिखाई की चिंता सता रही है कि किस तरह से उनके परिवार का चूल्हा जल पाएगा। बूढ़े गोविंद राम को अब सरकार से उम्मीद है कि दुख की इस घड़ी में सरकार सहायता करेगी। दोनों बेटियों ने अपने पिता को रोते बिलखते मुखाग्नि दी।