अनूप शर्मा। बिलासपुर
बिलासपुर में शनिवार को उपायुक्त राजेश्वर गोयल की अध्यक्षता में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें विशेषकर पशुपालन विभाग एवं गौ सदनों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर पशुपालन विभाग की ओर से सहायक निदेशक डॉ. विनोद कुंदी मौजूद रहे। इस अवसर पर उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने कहा कि बिलासपुर जिले में गौवंश के संरक्षण के विशेष प्रयास हो रहे हैं। इसके चलते धारटटोह में गौ अभयारण्य बनाने के प्रयास जारी हैं, जहां पर एक हजार से अधिक गौ वंश के रखने की सुविधा मिलेगी। इससे गौ वंश की समस्या का भी समाधान होगा।
इसके लिए पडयालग, चांदपुर, लैहड़ी बरोट, बलघाड, धारटटोह, जुखाला, करलायालग व रानकोटला सहित अन्य कुछ स्थानों पर गौ सदन चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब सरकार ने उन लोगों अथवा पशुपालकों के लिए एक नई योजना आरंभ की है जो संस्था अथवा व्यक्ति तीस से अधिक बेसहारा पशुओं को संरक्षित करेगा, उन्हें 500 सौ रुपये की राशि चारे के लिए दी जाएगी।
बिलासपुर के ट्रॉमा सेंटर में एक साथ 10 पशुओं के उपचार की व्यवस्था: विनोद
कार्यक्रम में पशुपालन विभाग की ओर से मौजूद सहायक निदेशक डॉ. विनोद कुंदी ने कहा कि बिलासपुर में हिमाचल प्रदेश का पहला पशु ट्रॉमा सेंटर चल रहा है, जहां एक साथ 10 पशुओं का उपचार किया जा सकता है। वहीं विभाग द्वारा खतरनाक बेसहारा पशुओं को पकडऩे के लिए जर्मनी से टरोकोलाइजर गन मंगवाई जा रही है। इस गन को चलाने वाले कर्मचारी अथवा किसी व्यक्ति को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वह नियमित तरीके से काम कर सके। इसके अलावा एनआईए स्कीम के तहत गाय व भैंस पालने वाले किसानों के पशुओं का तीन बार कृत्रिम गर्भादान नि:शुल्क होगा। उन्होंने इस अवसर पर विभाग व सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर भी चर्चा की।