तिरुचिरापल्ली : तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले में शुक्रवार को एक बोरवेल में गिरे तीन वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। बच्चे का शव मंगलवार तड़के निकाला गया।
राजस्व प्रशासन आयुक्त जे. राधाकृष्णन ने बताया कि बोरवेल के आस पास लोगों को सोमवार रात करीब साढ़े 10 बजे कुछ दुर्गन्ध आई, जिसके बाद चिकित्सा कर्मियों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने स्थिति का जायजा लिया। राधाकृष्णन ने घोषणा की कि विल्सन की मौत हो गई है। बच्चे के शव को बाहर निकाल कर मनाप्पराई के सरकारी अस्पताल भेजा गया, बाद में शव माता-पिता को सौंप दिया गया। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि दिशा-निर्देशों के अनुरूप शव को बाहर निकालने का काम किया गया।
तिरुचिरापल्ली के जिला कलेक्टर एस. सिवरासू ने नादुकट्टुपट्टी गांव में पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बल के कर्मियों ने शव निकाला। गौरतलब है कि सुजीत विल्सन करीब 80 घंटों तक 88 फुट की गहराई में बोरवेल में फंसा रहा था। पथरीली मिट्टी तथा बारिश के कारण बचाव अभियान बाधित होने से उसकी सलामती को लेकर चिंता भी पहले ही बढ़ गई थी। खुदाई के काम को तेज करने के लिए जर्मनी की मशीन का भी इस्तेमाल किया गया था।
कलेक्टर ने कहा , … मैं बोरवेल और बचाव कार्य के लिए समानांतर खोदे गए गड्डे के भरे जाने तक यहां से नहीं जाऊंगा। शव के यहां पहुंचते ही गांव में मातम छा गया और बच्चे को आखिरी बार देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर और मंत्रिमंडल के उनके साथी वेललामंडी नटराजन भी अस्पताल पहुंचे। द्रमुक प्रमुख एम. के. स्टालिन और अन्य राजीनिक पार्टियों के नेताओं ने भी बच्चे के निधन पर शोक व्यक्त किया।