शिमला :
राज्य में मंंत्रिमंडल विस्तार अब दिल्ली विधानसभा चुनाव के कारण टल गया है। भाजपा हाईकमान का सारा ध्यान दिल्ली चुनाव पर है। जेपी नड्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद दबाव इस कदर बढ़ा है कि हिमाचल से काफी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार में झोंका गया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं और इन्हें करीब एक सप्ताह दिल्ली में लगाना होगा। मुख्यमंत्री शनिवार को पूर्ण राज्यत्व दिवस के लिए झंडूता में हैं। अगले दिन यानी रविवार को वह शिमला में राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में होंगे। सोमवार 27 जनवरी को वह दिल्ली जा रहे हैं और फिर करीब 7 फरवरी को ही वापस लौट पाएंगे।
इस कारण इसके बाद होने वाली कैबिनेट में बजट सत्र की तारीख तय होगी और इसी अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार पर आगे फैसला होगा। मंत्रिमंडल विस्तार इसलिए नए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से जुड़ा हुआ है, क्योंकि यदि वर्तमान मंत्रियों में से यदि किसी को विधानसभा अध्यक्ष बनाना हो तो दोनों काम एक साथ हो जाएंगे।
अब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी चूंकि बजट सत्र में ही होना संभावित है, इसलिए इससे पहले अब मंत्रिमंडल विस्तार भी संभव नहीं है। गौरतलब है कि अनिल शर्मा के इस्तीफे और किशन कपूर के सांसद बनने के बाद वर्तमान में मंत्रिमंडल में दो स्थान रिक्त चल रहे हैं। इन पदों के लिए भाजपा विधायक दल में भी जोर आजमाइश चल रही है। राकेश पठानिया, कर्नल इंद्र सिंह, सुखराम चौधरी, विक्रम जरियाल और नरेंद्र ठाकुर जैसे वरिष्ठ विधायकों में से किसका चयन होता है? ये अटकलें जारी हैं।
बोर्ड-निगमों की नियुक्तियां भी साथ ही होंगी
इस मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही रिक्त बोर्ड निगमों में भी नियुक्तियां साथ ही होंगी। वर्तमान में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एचपीटीडीसी जैसे कई निगमों में ये नियुक्तियां बाकी हैं। माना जा रहा है कि अब जब भी मंत्रिमंडल विस्तार होगा, तभी ये नियुक्तियां भी की जाएंगी और ये काम अब दिल्ली चुनाव के बाद होगा।