नई दिल्ली: देश की राजधानी और आसपास के शहरों पर छाई जहरीली धुंध की चादर से शनिवार को लोगों को थोड़ी सी राहत मिली और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 407 रहा लेकिन अब भी यह गंभीर श्रेणी में ही है। शुक्रवार शाम चार बजे एक्यूआई 484 था।
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार पहले ही पांच नवम्बर तक सभी स्कूलों के बंद रहने का एलान कर चुकी है। वहीं पांच नवम्बर तक सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर भी रोक लगी है। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली-एनसीआर में जन स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा भी की है। पूरी ठंड में पटाखे फोडऩे पर भी प्रतिबंध है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई सुबह 10 बजे क्रमश: 459 और 452 रहा। कल शुक्रवार शाम चार बजे यह 496 था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पीएम 2.5 का स्तर सुबह 10 बजे 269 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। पीएम 10 का स्तर 436 रहा। मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि हवा की गति में थोड़ा सुधार है और धीरे-धीरे यह बढ़ सकती है। रविवार से मंगलवार तक इस क्षेत्र में 20-25 किलोमीटर प्रति घंटे तक हवाएं चलने की संभावना है।
मौसम कार्यालय ने कहा कि चक्रवात महा और ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में सात और आठ नवम्बर को बारिश होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हालांकि हल्की बारिश होगी लेकिन यह जल रही पराली के प्रभाव को कम करने के संदर्भ में महत्वपूर्ण होगी और प्रदूषकों को भी दूर करेगी। इस साल जनवरी से पहली बार गुरुवार रात दिल्ली में एक्यूआई बेहद गंभीर या आपात स्तर में पहुंचा था।
एक्यूआई 0-50 के बीच अच्छा , 51-100 के बीच संतोषजनक , 101-200 के बीच मध्यम , 201-300 के बीच खराब , 301-400 के बीच अत्यंत खराब , 401-500 के बीच गंभीर और 500 के पार बेहद गंभीर एवं आपात माना जाता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी ट्वीट कर हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने से होने वाले धुंए की वजह से दिल्ली के गैस चेंबर में तब्दील होने की बात कही थी।
सरकारी एजेंसी सफर ने कहा था कि दिल्ली में प्रदूषण में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की हिस्सेदारी शुक्रवार को बढ़कर 46 प्रतिशत हो गई।