जमीन के फेर में फंसा बैहना आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का भवन निर्माण
धर्मचंद वर्मा। मंडी : बल्ह विस क्षेत्र में वर्ष 1993 में बैहना पंचायत के गांव बैहना में खुली आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के भवन के लिए जमीन का मामला उलझ गया है। जबकि इस भवन को बनाने के लिए पंचायत तथा विभाग को दान में मिली भूमि को विभाग द्वारा पहले ही ठुकरा दिया गया है। पंचायत का कहना है कि जब पंचायत घर के पास सरकारी भूमि है तो फिर हम क्यों किसी व्यक्ति की जमीन लें।
इस पर कुछ प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर रखा है। बैहना डिस्पेंसरी का अपना भवन भूमि उपलब्ध न होने के कारण पिछले 35 सालों से नहीं बन पाया है। इस आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का उद्घाटन विभाग द्वारा किराये के भवन में कांग्रेस सरकार में रहे तत्कालीन राज्य वन मंत्री गंगुराम मुसाफिर ने 1983 में किया था। तब से लेकर आज तक आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी एक निजी भवन में चल रही है। जबकि बैहना पंचायत का एक व्यक्ति आयुर्वेदिक भवन के निर्माण के लिए भूमि दान करने की बात पंचायत के जनरल हाउस में कह चुका है परंतु उक्त भूमि डिस्पेंसरी के लिए उचित न होने के कारण इसे रिजेक्ट कर दिया गया।
जमीन दान करने वाला व्यक्ति अब इस दुनिया में नहीं है परंतु यदि विभाग और पंचायत इस भवन के लिए भूमि लेना चाहता है तो भूमिदान करने वाले के परिवार के सदस्य अब भी भूमि देने के लिए तैयार हैं। पता नहीं विभाग व पंचायत इस भूमि को लेने से क्यों मना कर रहे है। जबकि यह भूमि पंचायत घर के पास ही है तथा भूमि के दोनों ओर सड़क भी है। बैहना पंचायत के पूर्व उपप्रधान शिवपाल शर्मा का कहना है कि पंचायत ने डीसी के आदेशानुसार पटवारी को आदेश दिए थे कि वह गांव में कोई सरकारी भूमि डिस्पेंसरी भवन के निर्माण के लिए देखें। इसके चलते पटवारी ने मुहाल बैहना में 0-5-0 बीघा जमीन डिस्पेंसरी निर्माण के लिए चयनित की।
ततीमा तथा जमाबंदी सहित सभी दस्तावेज बनाकर जिला चिकित्सा अधिकारी मंडी को भेज दिए गए हैं। जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ने सभी दस्तावेज अपने कार्यलय पत्र संख्या नं. 5744-5747 दिनांक 8-10-2012 को वन परिक्षेत्र अधिकारी मंडी को वन भूमि को आयुर्वेदिक विभाग के नाम करने के संबंध में मामला भेजा गया था।
इस पर वन विभाग द्वारा दस्तावेजों में त्रुटियां दर्शाई गई तथा सभी दस्तावेज वापस स्वास्थ्य विभाग को कर दिए थे। तब से लेकर अब तक मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। बैहना गांव के लोगों ने पंचायत व आयुर्वेदिक विभाग से मांग की है जल्द से जल्द दान में मिल रही भूमि पर भवन निर्माण करवाया जाए।
क्या कहती हैं पंचायत प्रधान
कमला देवी चंदेल प्रधान ग्राम पंचायत बैहना का कहना है कि पंचायत द्वारा आयुर्वेदिक भवन निर्माण के लिए दान में ली गई अन्य भूमि के सभी दस्तावेज नकल, जमाबंदी, ततिमा आदि विभाग को भेज दिए हैं। आगामी कार्रवाई विभाग द्वारा की जाएगी।
डिस्पेंसरी भवन के लिए जो भूमि पहले दान में मिल रही थी। वह उचित नहीं थी जिसे विभाग द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया है। अब उसी गांव के एक अन्य व्यक्ति ने डिस्पेेंसरी भवन निर्माण के लिए 4 विस्वा भूमि दान देने की बात की है। इसके सभी दस्तावेज पंचायत द्वारा कार्यालय को भेज दिए गए हैं। विभाग ने सभी दस्तावेज लोनिवि को नक्शा व प्राकलन बनाने के लिए भेजे थे। विभाग ने इस भवन के निर्माण के लिए नक्शा व प्राकलन 48.52 लाख रुपये बनाकर उच्च कार्यालय को भेज दिया है। जिसे विभाग द्वारा डायरेक्टर आयुर्वेदा को 10-8-18 को निर्माण हेतु बजट प्रदान करने बारे भेजा है। इसकी स्वीकृति नहीं मिल पाई है। जैसे ही बजट स्वीकृत होगा भवन का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।
-डॉ. जमेर खान चंदेल, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी मंडी
किराये के भवन में चल रही डिस्पेंसरी
बैहना डिस्पेंसरी पिछले 35 सालों से किराये के भवन में चल रही है। गौर रहे कि यह डिस्पेंसरी जिस निजी भवन में चल रही थी उसके मालिक ने विभाग को खाली करवाने के लिए लिखित रूप से अनुरोध किया मगर विभाग ने इस बारे कोई रूचि नहीं दिखाई तो निजी भवन मालिक को कोर्ट के माध्यम से अपने मकान को खाली करवाना पड़ा है। अब यह डिस्पेंसरी किसी दूसरे निजी भवन में बदलनी पड़ी है।