एजेंसी। देहरादून/नई दिल्ली
उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मची है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि बाढ़ के बाद करीब 50 से 100 लोग लापता हैं। 2 शव मिले हैं तथा कुछ घायलों को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि तपोवन-रैणी में स्थित बिजली संयंत्र पूरी तरह से बह गया है।
इससे पहले, राज्य के आपदा मोचन बल की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा था कि ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगार संभवत: इस प्राकृतिक आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा था कि ऊर्जा परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि परियोजना स्थल पर मौजूद रहे 150 कामगारों से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है।
इस बीच भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि तपोवन ऊर्जा परियोजना स्थल प्रभारी के मुताबिक 150 से अधिक श्रमिकों की मौत की आशंका है। आपदा में पहाड़ों से तेज गति से आ रही नदी के बहाव की राह में आने वाले घर बह गए हैं। बहाव से नीचे की ओर मौजूद इंसानी बस्तियों को नुकसान पहुंचने की आशंका है तथा अनेक गांवों को खाली करवा लिया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि मौके पर प्रशासन का दल पहुंच गया है और नुकसान का जायजा लिया जा रहा है। रैणी से लेकर श्रीनगर तक अलकनंदा के किनारे रह रहे लोगों के लिए चेतावनी जारी कर दी गई है। रैणी में सीमा को जोडऩे वाला मुख्य मोटर मार्ग भी इस बाढ़ की चपेट में आकर बह गया है। दूसरी ओर रैणी से जोशीमठ के बीच धौली गंगा पर नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन की तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना के बैराज स्थल के आसपास के इलाके में भी कुछ आवासीय भवन बाढ़ की चपेट में आकर बह गए हैं।
दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार कर रहा हूं निगरानी: नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात कर हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा हूं।
भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और देश सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहा हूं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव और राहत कार्यों से संबंधित जानकारियां लगातार ले रहा हूं। बाढ़ से चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है।
हालात पर लगातार रखी जा रही नजर: त्रिवेंद्र सिंह रावत
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि नदी के बहाव में कमी आई है जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। रावत ने ट्वीट किया कि राहत की खबर यह है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है।
राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नजऱ रख रही है। आपदा से पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और देहरादून के प्रभावित होने की आशंका है तथा यहां हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
देवभूमि को हरसंभव मदद दी जाएगी: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात कर उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया। शाह ने कहा कि पीडि़त लोगों को राहत पहुंचाने और उनके बचाव के लिए एनडीआरएफ बलों को तैनात किया गया है, अतिरिक्त बचावकर्ताओं को विमान के जरिए दिल्ली से उत्तराखंड ले जाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड में हालात पर लगातार नजर रख रही है। शाह ने ट्वीट किया कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, आईटीबीपी के महानिदेशक और एनडीआरएफ के महानिदेशक से बात की है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं।
एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य के लिए निकल गई हैं। देवभूमि को हरसंभव मदद दी जाएगी। गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की कुछ और टीम दिल्ली से हवाई मार्ग से उत्तराखंड भेजी जा रही हैं। हम वहां की स्थिति पर निरंतर नजर रख रहे हैं।