ललित ठाकुर। पधर
उपमंडल मुख्यालय पधर की गृह पंचायत डलाह में स्थायी सचिव न होने से पंचायत के माध्यम से किए जा रहे कार्य और मजदूरों को 6 माह से पेमेंट का भुगतान नहीं हुआ है। पंचायत कार्यालय डेपुटेशन के सहारे सचिव भेजकर यहां पंचायत के कार्य निपटाए जा रहे हैं, लेकिन डेपुटेशन पर आए सचिव ने पिछले मनरेगा कार्यों का चार्ज नहीं लिया है। ऐसे में मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी का करीब छह माह से भी अधिक समय से भुगतान नहीं हो पाया है। इस कारण मजदूरों को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। ऊपर से कोरोना महामारी के चलते ऐसे परिवारों की माली हालत और भी पतली हो गई है। इसके साथ-साथ आम जनता को भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक डलाह पंचायत में गत एक वर्ष से सचिव की स्थायी नियुक्ति न होने से जहां पंचायत के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, वहीं आम जनता को भी अपने कार्यों के लिए कार्यालय के बार-बार चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वर्तमान में डेपुटेशन पर कार्यरत सचिव हफ्ते के तीन दिन ही कार्यालय में आते हैं, जबकि तीन दिन दूसरी पंचायत में ड्यूटी दे रहे हैं। इस वजह से पंचायत के आवश्यक कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं।
ग्रामीणों में दीक्षित कुमार, कमलेश कुमार, गौरव, राहुल, मस्त राम, कमला देवी, रमेश कुमार, लाल चंद, कविता, ममता, शकुंतला, रीना देवी, अरविंद कुमार और ललित कुमार ने बताया कि सचिव के स्थायी तौर पर न बैठने से उनके कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पंचायती राज मंत्री और स्थानीय विधायक जवाहर ठाकुर से मांग उठाई है कि पंचायत में सचिव की स्थायी नियुक्ति शीघ्र की जाए, ताकि पंचायत के विकास कार्यों को गति मिल सके अन्यथा मजबूरन संघर्ष का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व विभाग की होगी।
उधर विद्या देवी, विकास खंड अधिकारी, द्रंग स्थित पधर, ने कहा कि यहां पंचायत में स्थायी सचिव एक साल से नहीं है। डेपुटेशन पर सचिव की ड्यूटी है और समय निर्धारित किया गया है। मामला उच्च अधिकारियों के ध्यानार्थ है। ऐसे मजदूर अपना आधार और खाता संख्या लेकर कार्यालय आएं और डाटा ऑपरेटर के पास स्टेटस चेक करें।