राजेश कुमार। धर्मशाला
ट्रेडिशनल वाटर रिसोर्स यानी बावडिय़ों को धरोहर के रूप में संजोकर रखने की कवायद शुरू हो गई है। इसी कड़ी में यूएस ऐड के कार्यक्रम पानी और स्वच्छता में साझेदारी (पीएएसएस) के तहत ब्लॉक धर्मशाला में नई सोच के तहत समस्त 24 पंचायतों में बावडिय़ों का एक डिजिटल मैप तैयार किया जा रहा है। इसमें 100 से अधिक बावडिय़ों की भौगोलिक स्तिथि का एक पूरा खाका तैयार किया जाएगा। इसमें बावड़ी की वर्तमान स्थिति के साथ साथ बावड़ी की संपूर्ण जानकारी भी एकत्रित की जाएगी।
मुख्य रूप से बावड़ी को गुगल अर्थ पर अंकित किया जाएगा, जिससे कोई भी व्यक्ति गूगल मैप पर हर बावड़ी की तस्वीर भी देखी जा सकेगी। ऐसा करने का प्रमुख उद्देश्य यह है कि बावडिय़ों को धरोहर के रूप में संजो कर रखा जा सके तथा इनका जीर्णोद्धार हो। यूएस ऐड के महत्वपूर्ण कार्यक्रम वाटर, सेनिटेशन एंड हाईजिन (डब्ल्यूएएसएच) के तहत यह काम हो रहा है। इसमें विकास खंड धर्मशाला के तकनीकी संयोजक के रूप में क्योर इंडिया एनजीओ द्वारा कार्यशाला का आयोजन कर लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
बीडीओ धर्मशाला अभिनीत कात्यायन ने कहा कि इस डिजिटल मैप को तैयार करने का प्रमुख उद्देश्य यह है कि गूगल मैप की मदद से ऐसी सभी बावडिय़ों के पानी का बहाव मापा जा सके, ताकि इसका प्रयोग सिंचाई के रूप में किया जा सके या बेकार बह रहे पानी को सोक पिट में डाल कर भू-जल स्तर को ऊपर लाया जा सके। इस कार्य को करने के लिए ग्राम रोजगार सेवकों की टीम को विशेष ट्रेनिंग का आयोजन ग्राम पंचायत बगली में किया गया। इस दौरान बगली में बावडिय़ों की गूगल मैप पर लोकेशन अपलोड की गई तथा अन्य जानकारी भी साझा की गईं।