आशा शर्मा । घुमारवीं
हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद एवं संयुक्त समिति शास्त्री एवं भाषाध्यापक परिषद का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला तथा प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से नये वेतनमान में आ रही विसंगतियों को दूर करने के लिए स्वयं हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डॉ मनोज शैल संयुक्त समिति शास्त्री एवं भाषाध्यापक के संगठन मंत्री नरेश कुमार, ज्ञान चंद , परिषद् के संरक्षक डॉ अरुण शर्मा, महासचिव अमित शर्मा, कोषाध्यक्ष सोहनलाल, उपाध्यक्ष अमरसेन,जंगछुब नेगी, परमदेव, तेजस्वी शर्मा, स़गठनमन्त्री योगेश अत्रि, प्रवक्ता शांता कुमार, सचिव ललित शर्मा, शेर सिंह, जगदीश, आईटी सैल विवेक शर्मा, अमनदीप शर्मा, कांगड़ा के महासचिव राजकुमार, ऊना के प्रधान बलवीर, बिलासपुर के राजेंद्र शर्मा, मण्डी के राजेश कुमार, कुल्लू के कुलदीप, शिमला के दिग्विजयेन्द्र, किन्नौर के बांगछेन, सिरमौर के रामपाल अत्रि, सोलन के दुर्गानंद, हमीरपुर के रजनीश, चम्बा के हेम सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि वर्षों से कर्मचारियों को नये वेतनमान की आस थी कि नये वेतनमान में उन्हें भी पंजाब की तर्ज पर बढ़ा हुआ वेतनमान मिलेगा।
लेकिन प्रदेश के वित्त विभाग ने लाग-लपेट कर नये वेतनमान को लागू कर दिया है जिससे हजारों कर्मचारी एवं हजारों शिक्षकों में रोष व्याप्त है। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि आश्चर्य का विषय है कि वेतन आयोग तो पंजाब का स्वीकार किया जा रहा है और वेतन हिमाचल अपने हिसाब से लागू कर रहा है। प्रदेश सरकार से आग्रह है कि प्रदेश के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पंजाब वेतन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बढ़ा हुआ वेतनमान प्रदान किया जाये। परिषद ने सभी संगठनों को इस वेतनमान की विसंगति को दूर करने तथा शिक्षकों व कर्मचारियों की आवाज को बुलंद करने के लिए कि पर आने का आग्रह भी किया है।