हिमाचल दस्तक। पधर
जिला मंडी की ग्राम पंचायत तरयांबली के भनवाड़ गांव की 32 वर्षीय महिला को अपनी जिंदगी व्यतीत करने के लिए सरकार और प्रशासन का सहारा मिलेगा।
25 वर्षों से बेटी भावना की परवरिश कर रही उसकी माता की फरियाद जिला प्रशासन ने सुन ली है। 32 साल की भावना देवी पुत्री रणु राम को महज 7 साल की आयु से मिर्गी के दौरे पड़ना शुरू हो गए थे।
बाल अवस्था से ही वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गई थी और घर की चारदीवारी के बीच अपनी जिंदगी जीने को विवश हो गई है। भावना के पांव और हाथ में गहरे जख्म हैं, जिनकी ड्रेसिंग हर तीसरे रोज करना पड़ती है।
गरीब परिवार असहाय बेटी की आर्थिक रूप से देखभाल करने में असमर्थ था। पंचायत प्रधान दूनी चंद ने प्रभावित परिवार की दयनीय हालत के बारे में पिछले दिनों उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी को अवगत करवाया था।
प्रधान ने परिवार के इस दुखड़े को मीडिया के समक्ष भी प्रभावी ढंग के उठाया था। लाचार बेटी की मां ठाकरी देवी की आर्थिक सहायता की गुहार को आखिर जिला मंडी प्रशासन ने तुरंत सुन लिया है।
शुक्रवार को रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव ओपी भाटिया ने पंचायत प्रधान दूनी चंद के साथ भनवाड़ गांव का दौरा कर दुखी परिवार की दास्तां सुनी।
प्रशासन की ओर से ओपी भाटिया ने तरयांबली पंचायत की 32 वर्षीय भावना के लिए निशुल्क दवाइयों और ड्रेसिंग की व्यवस्था के साथ-साथ व्हील चेयर भी प्रदान करने का भरोसा दिया।
लाचार परिवार की खबर जिला प्रशासन तक पहुंचते ही रेडक्रॉस रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव ओपी भाटिया ने पीड़िता के घर जाकर पूरी जानकारी जुटाकर रिपोर्ट तैयार की। जिला प्रशासन की ओर से सहारा योजना का मामला सरकार को भेजा जाएगा। इस पहल के लिए पीड़िता की माता ठाकरी देवी ने जिला प्रशासन का धन्यवाद किया है।
लोग इस पहल के लिए पूरे इलाके में जिला प्रशासन का तहेदिल से आभार व्यक्त कर रहे हैं। बता दें कि भावना के पिता रणु इलाके में विवाह-शादियों की धामों में बोटी के साथ सहयोगी के रूप में काम करते थे, जिनका देहांत हो चुका है। उनकी मौत के बाद परिवार आर्थिक तौर से तंग चल रहा था।