अलग-अलग होंगे वैक्सीनेशन व टेस्टिंग सेंटर्स
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। धर्मशाला
जिला कांगड़ा में अब तक 31 हजार 855 मामले कोरोना संक्रमित मरीजों के सामने आ चुके हैं, जिनमें से 18 साल से कम उम्र के बच्चों के 1955 मामले हैं। इसी के चलते आए दिन कोरोना से निपटने के लिए प्रावधान किए जा रहे हैं।
डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान लोगों की ओर से कई तरह की सूचनाएं प्रशासन के समक्ष पहुंचाई जा रही हैं, जिस पर विभिन्न मसलों पर अहम निर्णय लिए गए हैं। डीसी ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू में आवश्यक वस्तुओं की दुकानें तीन घंटे के लिए खुल रही हैं, जिसके चलते कई जगहों से ओवरचार्जिंग की सूचनाएं आ रही थी, जिस पर एपीएमसी के माध्यम से उसकी चैकिंग करवाना शुरू किया गया है।
कई जगहों से यह सूचना मिल रही थी कि मेडिकल इक्यूपमेंट भी महंगे दामों पर बेचे जा रहे हैं। जिस पर असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर के माध्यम से यह आदेश जारी किया गया है और इस संबंध में नियमित चैकिंग की जाएगी, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
डीसी ने कहा कि कई जगहों पर वैक्सीनेंशन सेंटर और टेस्टिंग सेंटर एक साथ होने के चलते काफी भीड़ वहां लग रही है, जिस पर पहले एसडीएम को निर्देश जारी किए गए थे, जबकि आज सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि टेस्टिंग और वेक्सीनेशन सेंटर्स को अलग-अलग किया जाए। इसके तहत टेस्टिंग सेंटर अब अस्पतालों में होंगे, जबकि वेक्सीनेशन सेंटर निकटवर्ती स्कूलों व कम्यूनिटी हॉल में रखा जाएगा, जहां खुली जगह हो।
आयु के हिसाब से तीन लाइनें लगाई जाएंगी
वेक्सीनेेशन सेंटर पर तीन अलग-अलग लाइनें होंगी, जिसमें 18 से 44 आयु वर्ग के लिए जो वेक्सीनेशन शुरू की जानी है, उनके लिए अलग लाइन होग, 45 से 60 आयु वर्ग के लिए अलग और सीनियर सिटीजन के लिए अलग लाइन होगी। आरटीपीसीआर टेस्ट के नंबर बढ़ गए हैं और कई बार 3 से 4 दिन बाद रिपोर्ट आ रही है, ऐसे में यह निर्णय लिया गया है कि जिन लोगों ने आरटीपीसीआर के सैंपल दिए हैं, वो घर पर ही रहेंगे, घर से बाहर न जाएं, जब तक उनकी नेगेटिव या पॉजिटिव होने की रिपोर्ट नहीं आ जाती।
दिन में 2 घंटे लगाएं ऑनलाइन क्लासिस
डीसी ने कहा कि ऑनलाइन क्लासिस की वजह से बच्चों की आंखों पर पड़ रहे प्रभाव के चलते जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि सरकारी व निजी स्कूल प्रतिदिन अधिकतम 2 घंटे की क्लास लगाएं और सप्ताह में 5 दिन ही क्लास लगाएं।
निजी एंबुलेंस व शव वाहन के रेट तय
डीसी ने कहा कि कई जगहों से सूचनाएं मिली हैं कि शव वाहन व एंबुलेंस लोगों से बहुत ज्यादा चार्ज कर रही हैं, प्रशासन की ओर से लोगों को एंबुलेंस और शव वाहन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
कई लोग अपने अनुसार प्राइवेट एंबुलेंस व शव वाहन ले रहे हैं, ऐसे में प्रशासन ने निजी एंबुलेंस व शव वाहन के प्रति किलोमीटर रेट तय कर दिए हैं, जो कि पहले 10 किलोमीटर के लिए 600 रुपये होंगे, जिसमें चालक द्वारा पीपीई किट और अन्य सामान जो यूज किया जाएगा, वो भी इसमें शामिल रहेगा।
10 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए छोटी गाडिय़ों का 12 रुपये प्रति किलोमीटर, बड़ी गाडिय़ों के लिए 15 रूपये प्रति किलोमीटर किराया तय किया गया है। जिन एंबुलेंस में वेंटीलेटर व मेडिकल स्पोर्ट लगा हुआ है, वो एंबुलेंस 40 रुपये प्रति किलोमीटर से ज्यादा चार्ज नहीं कर पाएंगे।