चंद्रमोहन चौहान। ऊना: उपमंडल बंगाणा के तलमेहड़ा गांव की रामगढ़ धार पर स्थित धौम्येश्वर (सदाशिव) मंदिर को लेकर भले ही सरकारीकरण का प्रयास हुआ और मामला कोर्ट में है, लेकिन मंदिर ट्रस्ट द्वारा विकास की प्रक्रिया लगातार जारी है। इसी का परिणामस्वरूप मंदिर की सुंदरता को चार चांद लग रहे हैं।
इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा हाल ही में दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए लिफ्ट सुविधा की है। लिफ्ट के बनने से दिव्यांग अब आसानी से शिवलिंग तक पहुंच जाते हैं और अपनी मन मुराद मांगते हैं। मंदिर ट्रस्ट द्वारा शुरू की गई लिफ्ट की सुविधा कारगार साबित हो रही है। करीब आधा दर्जन दिव्यांग श्रद्धालु ऐसे हैं, जो रोजाना मंदिर में माथा टेकने के लिए आते है। लेकिन सीढियों को न चढ़ पाने के कारण शिवलिंग के बिना दर्शन ही लौटना पड़ता है। ऐसे में अब लिफ्ट की सुविधा शुरू होने से दिव्यांगों के चेहरे पर मुस्कान साफ देखी जा सकती है।
सदाशिव मंदिर ट्रस्ट के प्रधान प्रवीण शर्मा ने कहा कि कुछ समय पूर्व छपरोह गांव के बाबा ज्ञाननाथ मंदिर पहुंचे। दिव्यांग होने के कारण सीढिय़ा चढऩे में असमर्थ थे। बाबा ज्ञाननाथ हाथों के बल सीढिय़ा चढ़कर मेन मंदिर पहुंचे। जिन्हें देखकर दिव्यांगों के बारे लिफ्ट लगाने का मन में ख्याल आया। ट्रस्ट के सभी सदस्यों से लिफ्ट लगाने को लेकर बात की गई, जिस पर सभी ने सहमति जताई और तीन माह के भीतर लिफ्ट लगाकर श्रद्धालुओं की सेवा के लिए शुरू कर दिया।
प्रवीण शर्मा ने कहा कि भोले नाथ की कृपा से मंदिर का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर श्रद्धालुओं को दिक्कत न आए, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। लिफ्ट की सुविधा से दिव्यांगों को काफी फायदा मिल रहा है। दिव्यांग श्रद्धालु बिना किसी के सहारे अकेले ही ऊपर तक जाते हैं और माथा टेकने के बाद लौटते हैं।
समाजसेवी रोहित शर्मा का मिला सहयोग
प्रधान प्रवीण शर्मा का कहना है कि लिफ्ट के लिए प्रसिद्व समाजसेवी रोहित शर्मा निवासी डीहर का काफी सहयोग रहा। उन्होंने कहा कि लिफ्ट शुरू करने से लेकर अंत तक रोहित शर्मा न केवल हर संभव मदद करते रहे, बल्कि कई बार लिफ्ट का निरीक्षण करने आए। प्रवीण शर्मा ने बताया कि रोहित शर्मा ने मंदिर के विकास के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही कहा कि विकास के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।
पहली बार हुए शिवलिंग के दर्शन: अमृता
दिव्यांगता का शिकार नंगल निवासी अमृता ने कहा कि कई बार परिवार सहित सदाशिव आई हूं, लेकिन मुझे शिवलिंग के दर्शन नहीं हुए। लेकिन इस बार मंदिर पहुंची, तो पता चला कि लिफ्ट की सुविधा शुरू कर दी गई है। जिसके बाद लिफ्ट के माध्यम से मुख्य मंदिर पहुंची और शिवलिंग के दर्शन किए। अमृता का कहना है कि मंदिर में पहली बार शिवलिंग के दर्शन हुए, जिससे मुझे खुशी है। उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट द्वारा शुरू की लिफ्ट की सुविधा बेहतर कदम हैए इससे दिव्यांगों को काफी लाभ होगा।
शिवरात्रि को मिलेगा लाभ
ट्रस्ट के प्रधान प्रवीण शर्मा ने कहा कि लिफ्ट न होने के चलते सबसे ज्यादा परेशानी शिवरात्रि के दिन पेश आती थी। शिवरात्रि के दिन काफी भीड़ होने के चलते दिव्यांग बिना शिवलिंग के दर्शन किए ही लौट जाते थे। उन्होंने कहा कि इस बार 21 फरवरी को शिवरात्रि के दिन दिव्यांगों को निराश नहीं होना पड़ेगा।