हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
प्रदेश हाईकोर्ट ने बिजली बोर्ड के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर ऑपरेशन कांगड़ा सर्कल में तैनात सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर इलेक्ट्रिकल बृज लाल ठाकुर का डीओ नोट के आधार पर हुआ तबादला रद कर दिया है। ये तबादला राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी के डीओ नोट पर हुआ था।
प्रार्थी के अनुसार राज्यसभा सांसद के डीओ नोट को आधार बनाकर निजी प्रतिवादी को एडजस्ट करने के उद्देश्य से उसे मौजूदा स्थान से जोगिंदरनगर सर्कल भेजा जा रहा है। इसके लिए होने सर्कल की शर्त में भी छूट दी गई।
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने पाया कि स्थानांतरण आदेश सांसद द्वारा जारी डीओ नोट के आधार पर किया गया है जबकि हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न मामलों में पारित निर्णयों के दृष्टिगत डीओ नोट के आधार पर जारी स्थानांतरण आदेश कानूनन मान्य नहीं है। साथ ही ये तबादला राज्य सरकार के तबादलों पर बैन के अपने आदेशों के भी खिलाफ था।
प्रार्थी का यह भी आरोप था कि उसका तबादला सरकार द्वारा स्थानांतरणों पर बैन लगाने के बावजूद किया गया है। इतना ही नहीं जिस प्रतिवादी अधिकारी को उसके स्थान पर एडजस्ट किया जा रहा है, उसका गृह जिला कांगड़ा होने के कारण भी उसे प्रार्थी के स्थान पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
न्यायालय ने यह पाया कि स्थानांतरण आदेश पूरी तरह से राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते किये गए हैं। न्यायालय ने स्थानांतरण आदेशों को कानून के विपरीत पाते हुए रद कर दिया।