कमल शर्मा : शाहतलाई।
रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत घराण मे स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय सेना के शहीदों व वीरों के नाम पर देव भूमि ब्लैड डोनर के सौजन्य से रविवार को एक विशाल रक्तदान शिवर का आयोजन किया गया। इस रक्तदान शिवर मे महिलाओं व पुरूषों सहित करीब सौ रक्तदानियों ने भाग लिया। इस रक्तदान शिवर मे आई जी एम सी शिमला से आई चिकित्सक डॉक्टर पायल बिज ने उपस्थित रक्तदानियों को संबोधित करते हुए बताया कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है इसलिए रक्तदान को महादान कहते हैं, क्योंकि यह दान दूसरों की जिंदगी बचाने के साथ खुद की सेहत दुरुस्त करता है ।
उन्होंने बताया कि 18 से 60 वर्ष की आयु तक का कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से रक्तदान कर सकता हैं जबकि पुरुष 3 महीने और महिलाएं 4 महीने के अंतराल में नियमित रक्तदान कर सकती हैं इतना ही नहीं बल्कि रक्तदान करने से कैंसर, हृदय रोग जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
उन्होंने कहा कि रक्त दाता का वजन, पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, बॉडी टेम्परेचर आदि चीजों के सामान्य पाए जाने पर ही डॉक्टर्स या ब्लड डोनेशन टीम के सदस्य आपका ब्लड लेते हैं। रक्तदान द्वारा किसी को नवजीवन देकर जो आत्मिक आनन्द मिलता है उसका न तो कोई मूल्य ऑंका जा सकता है न ही उसे शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है।