आनी। जितेंद्र गुप्ता :
सामाजिक सुधार और आरटीआई पर काम कर रही आनी की सचेत संस्था ने मुख्यमंत्री,आईजी पुलिस,मुख्य सचिव,एसपी कुल्लू,डीसी कुल्लू आदि को मांगपत्र भेजकर शोझा या घियाघि और खनाग या माशनु नाला में लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेसक्यू चेक पोस्ट खोलने की मांग की है।
बर्फबारी के कारण बन्द रहता है जलोड़ी दर्रा,आनी और बंजार के बीच दीवार बनती है बर्फ
सचेत संस्था के अध्यक्ष डोला सिंह चौहान, प्रबन्ध निदेशक जितेंद्र गुप्ता का कहना ही कि समुद्रतल से 10280 फिट की ऊंचाई पर सैंज-आनी-ओट एनएच 305 पर स्थित जलोड़ी दर्रे में बर्फबारी के कारण यह वाहनों की आवाजाही के लिए हर साल करीब 4 माह तक बन्द हो जाता है। ऐसे में आउटर सिराज क्षेत्र आनी का जिला मुख्यालय कुल्लू से संपर्क कट गया है। ऐसा इस वर्ष ही नहीं हर वर्ष होता है जब बर्फबारी दोनों क्षेत्रों के बीच दीवार बनती है।
जलोड़ी दर्रे के आरपार है लोगों की रिश्तेदारियाँ
फलस्वरूप आनी विधानसभा क्षेत्र के आनी और निरमण्ड उपमंडलों की हजारों आबादी को दिक्कतें पेश आती है। इसके अलावा आनी विधानसभा क्षेत्र के जलोड़ी,लझेरी,रघुपुर, जाओं,बुछैर,निरमण्ड आदि क्षेत्रों के लोगों की रिश्तेदारियाँ जलोड़ी दर्रे के उस पार बंजार उपमण्डल और कुल्लू की ओर है,जबकि उस ओर के लोगों की रिश्तेदारियां इस ओर ।
ऐसे में लोगों को बर्फबारी के दौरान जहां अपने जरूरी कामों को निबटाने के लिए जिला मुख्यालय कुल्लू जाने के लिए या फिर नाते रिश्तेदारियों में खुशी या गम में शामिल होने जाने के लिए जलोड़ी दर्रे होकर करीब 5 किलोमीटर सफर जान जोखिम में डालकर इसे पार करने पर मजबूर होना पड़ता है क्योंकि या फिर वाया सुन्नी,बसंतपुर या वाया शिमला होकर कई किलोमीटर और कई घण्टों का अतिरिक्त सफर सैंकड़ों रुपये अतिरिक्त किराया देकर करने पर मजबूर होना पड़ता है।
जबकि क्षेत्र की परिस्थितियों से बेखबर देश विदेश के पर्यटक भी बर्फ से ढके जलोड़ी दर्रे की चोटियों को निहारने के लालच में जलोड़ी दर्रे की ओर निकल पड़ते हैं।
माईनस तापमान, कई फिट जमा बर्फ के कारण जलोड़ी दर्रे से पलायन कर चुके हैं व्यवसायी
बर्फ से लकदक जलोड़ी दर्रे में जहां साल के 8 महीने होटल,ढाबों,हट्स, टेंट्स लगाकर पर्यटकों को सेवाएं देने और लाखों रुपये इन्वेस्ट कर चुके लोग माईनस तापमान में सबकुछ छोड़कर जा चुके हैं। जलोड़ी दर्रे में वर्तमान में पुलिस का रेडियो स्टेशन है, जहां केवल दो जवान डयूटी देते हैं। कम्प कम्पाती इस ठंड में जहां उनके सिराहने रखा पानी जमा रहा है, सरसों के तेल की बोतल में रखा तेल जम रहा है। ऐसे में जलोड़ी दर्रा इन्सान के कद से ज्यादा ऊंची जमा बर्फ के बीच होकर ऑक्सीजन की कमी में जलोड़ी दर्रे को पार करना जहां क्षेत्र के लोगों की मजबूरी है, वहीं पर्यटकों में जानकारी का अभाव। जो उनकी जान के लिए खतरा है।
बर्फ के कारण हर वर्ष बचाये जाते हैं 70 से 100 लोग,कई गंवाते हैं जान,रेसक्यू चेकपोस्ट से बच सकेंगी जानें
हर वर्ष जलोड़ी दर्रा पार करते हुए करीब 70 से 100 लोग फंस जाते हैं,जिन्हें स्थानीय लोगों या रेडियो स्टेशन जलोड़ी के दो जवानों द्वारा सीमित संसाधनों के साथ रेसक्यू करना पड़ता है। जबकि कई बार समय पर मदद न मिल पाने के कारण लोग जान गंवा बैठते हैं।
ऐसे में सचेत संस्था ने प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग से गुहार लगाई है कि लोगों की जान की परवाह करते हुए बंजार की ओर घियाघि या शोझा में और आनी की ओर खनाग या माशनु नाला में रेसक्यू चेकपोस्ट खोली जाए , रेसक्यू टीम में बाकायदा ट्रेंड जवान हों,उनके पास रेस्क्यू के लिए हर जरूरी सामान हो। जो लोगों को जलोड़ी दर्रे की स्थिति से अवगत करवाएं, और किसी भी आपात में तुरंत बचाव के लिए निकल पड़ें।
इस बारे में एसडीएम आनी कुलदीप सिंह पटियाल से बात करने पर उन्होंने कहा कि आनी के खनाग या आसपास रेसक्यू चेकपोस्ट स्थापित करने की सम्भावना को देखा जाएगा और उच्चाधिकारियों को इस बारे लिखा जाएगा।